अब होगा पाकिस्तान से लौटी गीता का स्वयंवर, पुजारी से लेकर लेखक तक के आ रहे हैं रिश्ते
Advertisement

अब होगा पाकिस्तान से लौटी गीता का स्वयंवर, पुजारी से लेकर लेखक तक के आ रहे हैं रिश्ते

गीता सात-आठ साल की उम्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी. वह गलती से सीमा पार चली गई थी.

अब होगा पाकिस्तान से लौटी गीता का स्वयंवर, पुजारी से लेकर लेखक तक के आ रहे हैं रिश्ते

नई दिल्ली : पाकिस्तान से वर्ष 2015 में भारत लौटने वाली मूक-बधिर युवती गीता एक बार फिर चर्चा में है. इस बार गीता के स्वयंवर को लेकर चर्चा है. उसके लिए योग्य वर की तलाश की जा रही है. खुद गृहमंत्रालय गीता के लिए योग्य दुल्हा तलाश रहा है. गीता के मां-बाप का पता नहीं चल पाया है, इसलिए विवाह की सारी जिम्मेदारी गृहमंत्रालय ही उठा रहा है. फेसबुक पर एक गैर सरकारी संगठन द्वारा वैवाहिक विज्ञापन पोस्ट किए जाने के 10 दिन के भीतर लगभग 20 लोगों ने इस युवती के साथ सात फेरे लेने की इच्छा जताई है.

  1.  20 लोगों ने गीता के साथ शादी करने की इच्छा जताई
  2.  फेसबुक पर एक एनजीओ ने दिया शादी का विज्ञापन
  3. गीता की शादी का सारा खर्च उठा रहा है गृह मंत्रालय

मूक-बधिर समुदाय के अधिकारों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से कुछ दिन पहले मुलाकात के बाद उन्होंने गीता के लिए योग्य वर की तलाश के मकसद से फेसबुक पर वैवाहिक विज्ञापन पोस्ट किया है. यह विज्ञापन "रीयूनाइट गीता, ए डेफ गर्ल, विद फैमिली" नाम के पुराने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया है.

उन्होंने बताया कि इस ऑनलाइन विज्ञापन के आधार पर अबतक लगभग 20 लोगों ने बाकायदा अपने बायोडेटा के साथ गीता से शादी का प्रस्ताव भेजा है, जिनमें मंदिर का पुजारी और लेखक शामिल हैं. इनमें आठ युवक सामान्य हैं यानी वे गीता की तरह विशेष जरूरतों वाले नहीं हैं. पुरोहित ने बताया कि गीता से विवाह के इच्छुक लोगों की जानकारी उचित छानबीन के बाद विदेश मंत्रालय भेजी जा रही है.

fallback

 

फेसबुक पेज पर 10 अप्रैल को पोस्ट वैवाहिक इश्तेहार में गीता को "भारत की बेटी" के रूप में संबोधित किया गया है. इसमें कहा गया है कि इस युवती के लिए 25 साल से ज्यादा उम्र के मूक-बधिर वर की जरूरत है जो नेक और स्मार्ट हो. इश्तेहार में स्पष्ट किया गया है कि गीता अपने लिए स्वेच्छा से वर चुनेगी. इसके बाद भारत सरकार इस सिलसिले में उचित कदम उठायेगी.

नहीं चल सका मां-बाप का पता
गीता, मध्य प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण विभाग की देख-रेख में इंदौर की गैर सरकारी संस्था "मूक-बधिर संगठन" के गुमाश्ता नगर स्थित आवासीय परिसर में रह रही है. सरकार उसके माता-पिता की खोज में जुटी है. पिछले ढाई साल के दौरान देश के अलग-अलग इलाकों के 10 से ज्यादा परिवार गीता को अपनी लापता बेटी बता चुके हैं. लेकिन सरकार की जांच में इनमें से किसी भी परिवार का इस मूक-बधिर युवती पर वल्दियत का दावा फिलहाल साबित नहीं हो सका है.

गीता सात-आठ साल की उम्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी. गलती से सरहद पार पहुंचने वाली यह मूक-बधिर लड़की को भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के कारण गीता 26 अक्तूबर, 2015 को स्वदेश लौटी थी. 

(इनपुट भाषा से)

Trending news