पालघर केस: महाराष्ट्र सरकार ने SC को दिया अब तक की कार्रवाई का ब्यौरा
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पालघर केस: महाराष्ट्र सरकार ने SC को दिया अब तक की कार्रवाई का ब्यौरा

पालघर साधुओं की हत्या मामले में महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट. 15 पुलिसवालों की सैलरी काटी, दो को रिटायर किया.

 

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: पालघर में साधुओं की हत्या (Palghar Lynching)  के मामले में सीबीआई (CBI) जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है. महाराष्ट्र सरकार के मुताबिक, अब तक कार्रवाई के तौर पर 15 पुलिसवालों की सैलरी काटी गई है, दो को जबरन रिटायर किया है जबकि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को बर्खास्त भी किया है.

  1. पालघर साधुओं की हत्या के मामले में महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट

    महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि अब तक 15 पुलिसवालों की सैलरी काटी, दो रिटायर किए, एक बर्खास्त

    पुलिसकर्मियों पर वेतन कटौती के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया गया है

252 व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट
सुप्रीम में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में महाराष्ट्र सरकार ने बताया है कि पालघर में साधुओं की हत्या (Palghar Lynching)  में उसने अब तक क्या कार्रवाई की. महाराष्ट्र सरकार ने बताया है कि इस मामले में 15 पुलिसकर्मियों की वेतन कटौती, दो की अनिवार्य सेवानिवृत्ति एक अधिकारी की बर्खास्तगी के अलावा 252 व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है. पुलिसकर्मियों पर वेतन कटौती के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया गया है.

क्या है मामला
बता दें कि इसी साल अप्रैल में लॉकडाउन (lockdown) के दौरान महाराष्ट्र के पालघर (Maharrashtra Palghar) जिले  में भीड़ ने तीन लोगों की बेरहमी से पिटाई की जिनमें दो साधु थे. हैरानी की बात यह है कि यह लिंचिंग (Lynching) पुलिसकर्मियों के सामने हुई लेकिन पुलिकर्मी तमाशबीन बने रहे. भीड़ की पिटाई से दो साधुओं की मौत हो गई. इसके बाद देश भर में इस घटना के बाद आक्रोश देखा गया. साधुओं की हत्या को लेकर उद्धव सरकार (Uddhav Thackeray Government) को देश भर से जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ा. इसी मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका की सुनवाई के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra police) से अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी.

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