'परीक्षा पर चर्चा': पीएम मोदी बच्चों से बोले- देखते हैं आप मुझे 10 में से कितने नंबर देते हैं
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'परीक्षा पर चर्चा': पीएम मोदी बच्चों से बोले- देखते हैं आप मुझे 10 में से कितने नंबर देते हैं

पीएम नरेंद्र मोदी ने बोर्ड एग्जाम से पहले 10 करोड़ छात्रों से परीक्षा से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा की. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने स्टूडेंट्स को एग्जाम से जुड़े तनाव को कम करने के टिप्स देने के साथ ही उनके सवालों के जवाब भी दिए.

पीएम मोदी की सलाह- दूसरों से नहीं खुद से प्रतिस्पर्धा करें

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने बोर्ड एग्जाम से पहले 10 करोड़ छात्रों से परीक्षा से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा की. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने स्टूडेंट्स को एग्जाम से जुड़े तनाव को कम करने के टिप्स देने के साथ ही उनके सवालों के जवाब भी दिए. पीएम ने अपनी चर्चा की शुरुआत ये कहते हुए की कि, 'आज आप भारत के प्रधानमंत्री से नहीं बल्कि अपने दोस्त से बात कर रहे हैं.'

  1. पीएम मोदी ने बच्चों को बताए तनाव दूर करने के टिप्स
  2. पीएम ने एकाग्रता बढ़ाने के लिए योगा करने की दी सलाह
  3. 'हमें हमेशा खुद को बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए'

पीएम मोदी द्वारा कही 10 प्रमुख बातें

  • आप यह भूल जाइए कि आप किसी प्रधानमंत्री के साथ बात कर रहे हैं यह पक्का कर लीजिए की मैं आप सब का दोस्त हूँ
  • अपने भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने मत दें, अगर भीतर का विद्यार्थी जीवन भर जीता है तो वह जीने की प्रेरणा भी देता है
  • स्कूल जाते समय मन में से ये निकाल दें कि कोई आपका एग्जाम ले रहा है, कोई अंक देने वाला है, आप ये सोचिए आप खुद अपना भविष्य बना रहे हैं
  • स्‍वामी विवेकानंद कहा करते थे कि अपने आप को कम मत मानो. वे आत्‍मविश्‍वास जगाने की बात किया करते थे.

'परीक्षा पर चर्चा' LIVE : माता-पिता से खुलकर संवाद करना चाहिए- छात्रों से बोले पीएम मोदी

  • हमें अपने आप को हर पल कसौटी पर कसने की आदत डालनी चाहिए.
  • ध्‍यान के लिए कुछ विशेष करने की जरूरत नहीं है. बस मन लगाकर अपना काम करें. योगा शरीर, मन, बुद्धि और आत्‍मा को सिंक्रनाइज़ करता है.
  • दूसरों से नहीं, बल्कि खुद से प्रतिस्‍पर्धा करें.
  • मैं माता-पिता से अनुरोध करता हूं कि वे अपने बच्चे की उपलब्धियों को सामाजिक प्रतिष्ठा का मामला न बनाएं.
  • भारत का बच्‍चा जन्‍मजात पॉलिटिशियन होता है. संयुक्‍त परिवार में पलकर वह स्थितियों को भांपकर अपने बड़ों से अपनी बात मनवा लेता है.
  • जो अच्‍छा लगता है वो कीजिए. हर वक्‍त करियर और परीक्षा की टेंशन ठीक नहीं है.

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