ललितगेट और व्यापमं मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा जारी, दूसरे दिन भी नहीं चली संसद
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ललितगेट और व्यापमं मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा जारी, दूसरे दिन भी नहीं चली संसद

ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं मामले में सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे तथा शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रही कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों ने इन मुद्दों पर चर्चा की सरकार की पेशकश को ठुकरा दिया। 

ललितगेट और व्यापमं मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा जारी, दूसरे दिन भी नहीं चली संसद

नई दिल्ली : ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं मामले में सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे तथा शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रही कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों ने इन मुद्दों पर चर्चा की सरकार की पेशकश को ठुकरा दिया। 

मानसून सत्र के दूसरे दिन बुधवार को भी ललित मोदी प्रकरण को लेकर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। इसके चलते कई बार संसद को स्थगित करना पड़ा। बाद में पूरे दिन के लिए संसद के दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया।

बुधवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेसी सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके चलते सदन को पहले 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। बाद में कार्यवाही फिर शुरू होने पर हंगामा बढ़ता देख संसद के दोनों सदनों को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

हालांकि सत्ता पक्ष इन सभी मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार था लेकिन विपक्ष का कहना था कि संबंधित मंत्री और मुख्यमंत्रियों द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद ही चर्चा हो सकती है। इस मुद्दे पर संसद में और संसद के बाहर विपक्ष एवं सत्ता पक्ष अपने अपने रूख पर अड़े रहे। 

भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भाजपा सांसदों को सरकार के कार्यों पर गर्व होना चाहिए। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व में शासित सभी राज्यों में ईमानदारी से अच्छा काम हो रहा है और ‘हमने कुछ भी गलत नहीं किया है।’ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और दो मुख्यमंत्री का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि इन्होंने कोई गलती नहीं की और कोई इस्तीफा नहीं होगा। बैठक के दौरान सुषमा स्वराज ने दावा किया कि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी को मदद की कोई पेशकश नहीं की।

उधर, लोकसभा में आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित सभी पार्टी सदस्य काली पट्टी बांधकर आए थे। कांग्रेस, राजद, राकांपा और आप के सदस्यों ने आसन के पास आकर 'नहीं चलेगी, नहीं चलेगी, भ्रष्ट सरकार नहीं चलेगी' के नारे लगाए। वाम दल के सदस्य भी आसन के सामने आकर नारे लगा रहे थे। विपक्षी सदस्यों द्वारा आसन के समक्ष दिखाए जा रहे प्लेकार्डों पर लिखा था, 'बड़े मोदी मेहरबान तो छोटे मोदी पहलवान' , राजे को तुरंत हटाओ।' लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के खिलाफ अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा कार्रवाई की चेतावनी दिए जाने के बावजूद हंगामा जारी रहा।

सुबह 11 बजे लोकसभा में विपक्ष द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में मौजूद थे। बाद में मोदी उपस्थित नहीं थे लेकिन सुषमा गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ सत्ता पक्ष की ओर अग्रिम पंक्ति में बैठी थीं। राज्यसभा में कुछ सदस्यों ने मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले को लेकर भी सरकार को घेरने का प्रयास किया और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। लेकिन सरकार ने कहा कि यह राज्य से जुड़ा मुद्दा है और इसलिए इस पर उच्च सदन में चर्चा नहीं हो सकती।

सदन के नेता अरूण जेटली ने व्यापम को राज्य का विषय बताते हुए कहा कि यदि सदन में किसी राज्य के विषय को उठाने की अनुमति दी जाती है तो हम केरल, हिमाचल प्रदेश, असम एवं गोवा जैसे राज्यों के विषयों को भी चर्चा के लिए उठाएंगे।

ललित मोदी मामले पर कल ही आसन की ओर से चर्चा की अनुमति दिए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सदन में सुषमा स्वराज के मुद्दे पर फौरन चर्चा कराई जानी चाहिए। हम चर्चा का जवाब देने के लिए तैयार हैं। जेटली ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'जांच तब होती है जब कानून के किसी प्रावधान का उल्लंघन किया गया हो। हमारी बार बार की अपील के बावजूद कोई यह बता पाने में सक्षम नहीं है कि कानून के किस प्रावधान का उल्लंघन हुआ है।'

लोकसभा में एन.के. प्रेमचंद्रन, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय, सपा के धर्मेन्द्र यादव, राजद के जयप्रकाश नारायण यादव, कांग्रेस के एम वीरप्पा मोइली और माकपा के मोहम्मद सलीम ने तथा राज्यसभा में बसपा के सतीशचंद्र मिश्र, सपा के नरेश अग्रवाल, भाकपा के डी राजा और कई विपक्षी सदस्यों ने कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए थे जिन्हें आसन ने खारिज कर दिया। 

बसपा प्रमुख मायावती ने इन दोनों मुद्दों पर केन्द्र सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस प्रकरण ने 'न खाऊंगा और न खाने दूंगा' जैसे दावे करने वाले लोगों को बेनकाब कर दिया है। मायावती ने राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि इसके बाद ही निष्पक्ष जांच हो पायेगी।

माकपा नेता सीताराम येचुरी ने व्यवस्था के प्रश्न के नाम पर व्यापमं का मामला उठाते हुए कहा कि इस घोटाले में मौतें केवल एक राज्य में नहीं हुई हैं। इसलिए इस मामले में केन्द्र की भी जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि संसद का काम सरकार को जवाबदेह बनाना है। जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि पहले भी नेताओं ने आरोप लगने पर इस्तीफा दिया है। हवाला मामले में नाम आने के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने भी इस्तीफा दिया था।

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार केंद्रीय मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करे। उन्होंने पिछली संप्रग सरकार के कार्यकाल में सामने आए मामलों का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा ने पिछले 10 साल में परंपरा बनायी है कि पहले कार्रवाई फिर चर्चा। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी वैसा ही किया जाना चाहिए।

स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ललित मोदी की मदद करने को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं। आईपीएल के पूर्व विवादास्पद प्रमुख ललित मोदी के खिलाफ कथित धनशोधन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व्यापमं घोटाले को लेकर आलोचनाओं से घिरे हैं जिसमें 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

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