संसदीय पैनल ने सरकार से पूछा, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों पर कितना खर्च किया
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संसदीय पैनल ने सरकार से पूछा, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों पर कितना खर्च किया

भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के वेतन और भत्ते पर होने वाले खर्चे की जानकारी मुहैया नहीं कराये जाने पर संसद की एक समिति ने सरकार से ‘‘कड़ी नाराजगी’’ जाहिर की है.

 अधिकारियों पर होने वाले वार्षिक खर्च का विस्तृत ब्यौरा तीन महीने के अंदर समिति के सामने पेश करे.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के वेतन और भत्ते पर होने वाले खर्चे की जानकारी मुहैया नहीं कराये जाने पर संसद की एक समिति ने सरकार से ‘‘कड़ी नाराजगी’’ जाहिर की है. भारतीय जनता पार्टी के नेता मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई वाली आकलन संबंधी संसद की समिति ने अपनी हालिया रिपोर्ट में राष्ट्रीय विकास में भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के योगदान का मूल्यांकन करने के लिए एक मजबूत प्रणाली बनाने की सलाह दी है.

  1. अधिकारियों के योगदान का मूल्यांकन करने के लिए बनेगी  प्रणाली 
  2. खर्चे की जानकारी मुहैया नहीं कराये जाने पर सरकार को मिली फटकार 
  3. वार्षिक खर्च का विस्तृत ब्यौरा तीन महीने के अंदर समिति के सामने पेश करना है

जोशी की अगुवाई वाली इस समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘केंद्र और राज्य में अखिल भारतीय स्तर के अधिकारियों के वेतन एवं भत्ते पर होने वाले कुल खर्च की विस्तृत जानकारी मुहैया नहीं कराने पर समिति ने (सरकार से) कड़ी नाराजगी जतायी है.

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समिति ने कहा था कि सरकार केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इन अधिकारियों पर होने वाले वार्षिक खर्च का विस्तृत ब्यौरा तीन महीने के अंदर समिति के सामने पेश करे. समिति ने यह भी रेखांकित किया है कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों पर किये जाने वाले खर्च तथा इन खर्चों के मद्देनजर देश के सकल घरेलू उत्पाद में उनके योगदान का आकलन करने के लिए कोई प्रणाली नहीं है. लोकसभा को हाल ही में सौंपे गए इस रिपोर्ट में समिति ने ऐसी प्रणाली विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया है.

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