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नई दिल्ली: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) से पूरी दुनिया दहशत में है और दक्षिण अफ्रीका में वायरस के मामले सामने आने के बाद भारत समेत कई देश सतर्क हो गए हैं. लेकिन एक तरफ वायरस का खतरा है तो दूसरी ओर इसे लेकर एक राहत भरी खबर भी आई है. उम्मीद लगाई जा रही है कि वायरस की वजह से दुनिया में बढ़ रही सख्ती के चलते देश में पेट्रोल और डीजल सस्ता हो सकता है.
'हिन्दुस्तान' की खबर के मुताबिक आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम 5 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकते हैं. ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर वायरस के खौफ से कच्चे तेल के दाम गिरे हैं और इसी बुनियाद पर अनुमान लगाया जा रहा है कि 1 दिसंबर से जारी होने नए रेट में कटौती की जा सकती है. ग्लोबल मार्केट में भी कीमतों में कमी आई है और भारत में भी अब कमर्शियल के साथ-साथ घरेलू LPG सिलेंडर के दाम घट सकते हैं.
IIFL सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया कि कोरोना का नया वेरिएंट सामने आने के बाद दुनिया के सभी देश अलर्ट हो गए हैं. इसके चलते फिर से हवाई सेवाओं पर पाबंदी और लॉकडाउन लगाया जा रहा है. ग्लोबल मार्केट पर भी इसका असर देखा जा रहा है और कच्चे तेल के दाम 12 फीसदी गिरकर 72 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं.
अब अगर भविष्य में नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का असर और बढ़ता है तो दुनियाभर में पाबंदियां भी बढ़ जाएंगी. इसके साथ ही कच्चे तेल की मांग पर भी इसका असर पड़ेगा और वह कम हो जाएगी. साथ ही दो दिसंबर को प्रस्तावित ओपेक देशों की बैठक में कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने का फैसला हो सकता है. ऐसे में कच्चे तेल की सप्लाई ज्यादा होगी और डिमांड कम हो जाएगी, इससे कीमतों में गिरावट आना तय है. कच्चे तेल के दाम अगर 72 डॉलर प्रति बैरल भी रहते हैं तो देश में पेट्रोल-डीजल करीब 5 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो सकता है.
ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा ने बताया कि ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में 10 फीसदी तक की कमी आई है. लेकिन घरेलू मार्केट में इतनी गिरावट की उम्मीद कम ही है. तेल कंपनियां 5-7 फीसदी की कमी आने पर 15 दिन के भीतर साइकिल पूरा कर सकती हैं. अगर 5 फीसदी की कमी भी आती है तो पेट्रोल के दाम प्रति लीटर 5 रुपये तक गिर सकते हैं.
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जानकारों का मानना है कि ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल में होने वाली गिरावट का असर कुछ दिन बाद ही देखने को मिलेगा. हाल ही में जापान और अमेरिका समेत भारत जैसे देश ने कच्चे तेल के दाम कम करने की कोशिश की है. लेकिन इसका असर कुछ दिन बाद दिखने की उम्मीद जताई जा रही है.