Action on PFI: 27 सितंबर को 9 राज्यों में एजेंसियों ने PFI के ठिकानों पर ताबड़तोड़ रेड डाली. छापेमारी के बाद सरकार को PFI के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने PFI और उससे जुड़े 8 संगठनों पर देशभर में पाबंदी लगा दी.
Trending Photos
PFI Banned For 5 Yrs: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI पर केंद्र सरकार ने देशभर में बैन लगा दिया है. PFI के टेरर कनेक्शन की खबर सरकार को पहले से ही थी और इसी सिलसिले में सबसे पहले PFI के दफ्तरों और इसके नेताओं के ठिकानों को खंगाला गया और वहां से देशविरोधी गतिविधियों के सबूत मिलने के बाद आखिरकार सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए UAPA के तहत इस पर बैन लगाने का ऐलान कर दिया.
पहले 22 सितंबर को 15 राज्यों में PFI के सैकड़ों ठिकानों पर NIA, ED और दूसरी एजेंसियों ने छापेमारी की थी. फिर 27 सितंबर को 9 राज्यों में भी एजेंसियों ने PFI के ठिकानों पर ताबड़तोड़ रेड डाली. छापेमारी के बाद सरकार को PFI के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने PFI और उससे जुड़े 8 संगठनों पर देशभर में पाबंदी लगा दी.
किन संगठनों पर लगा बैन ?
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया
रिहैब इंडिया फाउंडेशन
कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया
ऑल इंडिया इमाम काउंसिल
NCHRO
नेशनल वीमेंस फ्रंट
जूनियर फ्रंट
एम्वायर इंडिया फाउंडेशन
रिहैब फाउंडेशन (केरल)
कई सनसनीखेज दस्तावेज बरामद
पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई में सुरक्षा एजेंसियों को आतंकियों जैसे एक्सप्लोसिव और विस्फोटक कैसे बनाएं, इसके डॉक्यूमेंट मिले हैं. इसके अलावा सीक्रेट चैट वाले कम्युनिकेशन सिस्टम मिले हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, PFI के काडर आतंकी और हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं. उनके ISIS जैसे आतंकी संगठनों से संबंध हैं और एक समुदाय को कट्टर बनाने का गुप्त एजेंडा चला रहे थे.
BYE BYE PFI pic.twitter.com/aD4kfwCvsu
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) September 28, 2022
मुस्लिम संस्था ने किया स्वागत
पीएफआई पर बैन का सूफी खानकाह एसोसिएशन ने भी स्वागत किया है. संस्था के अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी ने कहा, मुसलमानों को समझना चाहिए कि पीएफआई देश विरोधी था. पीएफआई पर बैन के विरोध में लोगों को कोई प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. पिछले कई वर्षों से सूफी खानकाह एसोसिएशन लगातार पीएफआई पर बैन की मांग कर रहा था. उसके बाकायदा इसके लिए अभियान छेड़ा हुआ था.
गिरिराज बोले- Bye-Bye
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर लिखा..'बाय-बाय PFI' तो वहीं बीजेपी के महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान में भी जिस प्रकार कई ज़िलों में दंगा हुआ, उसी समय हम कह रहे थे कि PFI का इसमें हाथ था. कर्नाटक में जब सिद्धारमैया की सरकार थी, उस समय भी 23 से अधिक लोगों की हत्या हुई थी. देश को अखंड रखने के लिए इसपर (PFI) बैन जरूरी था.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर