PFI Investigation News: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के गिरफ्तार नेताओं ने पूछताछ में खुलासा किया कि उनके बांग्लादेश (Bangladesh) के प्रतिबंधित संगठन ‘जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश’ (JIB ) से संबध थे.
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PFI Investigation Updates: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के गिरफ्तार नेताओं ने पूछताछ में खुलासा किया कि उनके बांग्लादेश (Bangladesh) के प्रतिबंधित संगठन ‘जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश’ (JIB ) से संबध थे. जांच एजेंसी के मुताबिक PFI के नेता लगातार इस प्रतिबंधित संगठन के संपर्क में थे और विचारधारा को लेकर अकसर बातचीत भी करते रहते थे. इसके अलावा गिरफ्तार नेताओं ने यह भी खुलासा किया है कि कैडर में हिंसक और कट्टर विचारधारा वाले लड़कों को भर्ती किया जाता था.
बांग्लादेश में क्यों बैन है JIB
बांग्लादेश की सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने JIB को बैन किया हुआ है. ये संगठन बांग्लादेश के पाकिस्तान से अलग होने के खिलाफ था और इस संगठन का मानना है कि बांग्लादेश को पाकिस्तान का हिस्सा होना चाहिए.
विदेश फंडिंग से जुड़ी बड़ी जानकारी आई सामने
इसके अलावा विदेशी फंडिंग से जुड़ा एक बड़ी जानकारी भी PFI नेताओ से पूछताछ में सामने आई है. PFI के नेताओँ ने खुलासा किया कि विदेशों से आने वाली फंडिग को ब्लैक से व्हाइट दिखाने से मना करने की वजह से PFI की अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट (Charted Accountant ) से अनबन हुई थी और इसी वजह से उसे बदल दिया गया था.
कैडर में शामिल हिंसक और कट्टर विचारधारा वाले युवक
जांच एजेंसी से पूछताछ में PFI नेताओं ने बताया कि इनके कैडर में हिंसक और कट्टर विचारधारा वाले लड़के शामिल हैं. ये लड़के लगातार हिंसक और आतंकी वारदात करते रहते है. कैडर को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी दी जाती है.
बता दें इससे पहले एनआई ने दावा किया था कि पॉपुलर PFI के कार्यालयों और उसके नेताओं के ठिकानों पर की गई देशव्यापी छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेजों में बेहद संवेदनशील सामग्री मिली है. कोच्चि में विशेष एनआईए अदालत में सौंपी गई रिमांड रिपोर्ट में जांच एजेंसी ने यह आरोप भी लगाया कि इस चरमपंथी इस्लामी संगठन ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए बरगलाया.
एनआईए ने कोच्चि में दर्ज एक मामले के संबंध में 10 आरोपियों की हिरासत की मांग करते हुए 22 सितंबर को अदालत में रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीएफआई ने हिंसक जिहाद के तहत आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया और भारत में इस्लामी शासन की स्थापना की साजिश रची.
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