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DNA ANALYSIS: भारत में Social Media के लिए नए नियम क्यों हैं जरूरी? 5 Point में समझें

वर्ष 2020 में लोगों ने अपने स्‍मार्टफोन पर हर दिन साढ़े चार घंटे से ज्‍यादा समय बिताया जबकि वर्ष 2019 में ये सिर्फ 3 घंटे था. इसका मतलब है पिछले एक वर्ष में आपने 68 दिन अपने स्‍मार्टफोन को दिए. यही नहीं, भारत में ऐप डाउनलोड भी पिछले वर्ष के मुकाबले 30 प्रतिशत ज्‍यादा किए गए. ऐप डाउनलोड  के मामले में पूरी दुनिया में भारत दूसरे स्थान पर है और चीन पहले नंबर पर है. वाट्सऐप और फेसबुक भारत में सबसे ज्‍यादा इस्तेमाल होने वाले एप्‍स में पहले और दूसरे नंबर पर हैं. इसका मतलब है कि भारत अब इन कंपनियों के लिए सबसे बड़ा डिजिटल बाजार बन गया है. अब ये समझिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग कैसे सबसे ज्‍यादा खतरनाक है.  

 

 

फेक न्‍यूज़ 70 गुना तेजी से फैलती है

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 फेक न्‍यूज़ 70 गुना तेजी से फैलती है

सोशल मीडिया का दुरुपयोग कोरोना वायरस की बीमारी से भी ज्‍यादा खतरनाक और संक्रामक है. इसे आप अमेरिका के Massachusetts Institute of Technology की एक रिसर्च से समझिए. इसके मुताबिक, सोशल मीडिया पर सच्ची और सही जानकारी वाली खबरों के मुकाबले फेक न्‍यूज़ 70 गुना तेजी से फैलती है और फेक न्‍यूज़ ज्‍यादा बार रीट्वीट की जाती है.

 

 

6 गुना तेजी से 1500 लोगों तक पहुंच

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6 गुना तेजी से 1500 लोगों तक पहुंच

सही खबरों की तुलना में फेक न्‍यूज़ 6 गुना तेजी से 1500 लोगों तक पहुंचती है.

 

 

 

भ्रामक और गलत खबरें

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भ्रामक और गलत खबरें

सबसे अहम बात ये कि 100 में से 70 लोगों को कभी ये पता नहीं चल पाता कि उन्होंने जो खबर पढ़ी थी. वो असल में गलत और भ्रामक थी. 

 

कड़े नियमों की भारत को सबसे ज्‍यादा जरूरत

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कड़े नियमों की भारत को सबसे ज्‍यादा जरूरत

यही नहीं तथ्यों से ज्‍यादा गलत जानकारी को शेयर किया जाता है. ये आंकड़े बताते हैं कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए इस तरह के कड़े नियमों की भारत को सबसे ज्‍यादा आवश्यकता थी. 

टेक कंपनियों का व्यापार

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टेक कंपनियों का व्यापार

दुनिया में इस समय इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 466 करोड़ है और इन 466 करोड़ लोगों पर मुट्ठीभर टेक कंपनियों का व्यापार टिका हुआ है.इस समय दुनिया की 5 बड़ी टेक्‍नोलॉजी कंपनियां हैं. फेसबुक, अमेजन, एप्‍पल, माइक्रोसॉफ्ट  और गूगल. इन 5 कंपनियों का नेट वर्थ लगभग 460 लाख करोड़ रुपए है. दुनिया में कुल 195 देश हैं, जिनमें से 143 देशों की कुल जीडीपी भी इन 5 कंपनियों से कम है. 

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