सोशल मीडिया का दुरुपयोग कोरोना वायरस की बीमारी से भी ज्यादा खतरनाक और संक्रामक है. इसे आप अमेरिका के Massachusetts Institute of Technology की एक रिसर्च से समझिए. इसके मुताबिक, सोशल मीडिया पर सच्ची और सही जानकारी वाली खबरों के मुकाबले फेक न्यूज़ 70 गुना तेजी से फैलती है और फेक न्यूज़ ज्यादा बार रीट्वीट की जाती है.
सही खबरों की तुलना में फेक न्यूज़ 6 गुना तेजी से 1500 लोगों तक पहुंचती है.
सबसे अहम बात ये कि 100 में से 70 लोगों को कभी ये पता नहीं चल पाता कि उन्होंने जो खबर पढ़ी थी. वो असल में गलत और भ्रामक थी.
यही नहीं तथ्यों से ज्यादा गलत जानकारी को शेयर किया जाता है. ये आंकड़े बताते हैं कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए इस तरह के कड़े नियमों की भारत को सबसे ज्यादा आवश्यकता थी.
दुनिया में इस समय इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 466 करोड़ है और इन 466 करोड़ लोगों पर मुट्ठीभर टेक कंपनियों का व्यापार टिका हुआ है.इस समय दुनिया की 5 बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां हैं. फेसबुक, अमेजन, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल. इन 5 कंपनियों का नेट वर्थ लगभग 460 लाख करोड़ रुपए है. दुनिया में कुल 195 देश हैं, जिनमें से 143 देशों की कुल जीडीपी भी इन 5 कंपनियों से कम है.
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