जिन नदियों की सफाई के लिए सरकारें सैकड़ों करोड़ खर्च कर रही थीं अब वो अपने आप स्वच्छ हो गई हैं.
देश की प्रमुख नदियां गंगा और यमुना न सिर्फ साफ हो गई हैं बल्कि इनका जल स्तर भी बढ़ रहा है. सूखकर दम तोड़ने की कगार पर पहुंच चुकी यमुना में फिर से जान दिखाई देने लगी है. आगरा में ताजमहल के पीछे कल-कल बहती यमुना नदी लॉकडाउन की कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. यहां यमुना नदी बिलकुल सूखने की कगार पर थी लेकिन आज-कल लॉकडाउन के चलते यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है.
साथ दी दिल्ली में यमुना नदी में गंदगी के कारण पहले सफेद झाग दिखाई देती थी लेकिन अब नदी का पानी बिलकुल स्वच्छ हो गया है.
लॉकडाउन की वजह से 24 मार्च से ही देश की 1.3 अरब आबादी घरों में सिमटी हुई है, फैक्ट्रियां बंद हैं, दुकानें बंद हैं, इस कारण गंगा में फैक्ट्रियों का दूषित पानी नहीं मिल रहा है, जिसके चलते गंगा स्वच्छ और अविरल बह रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि ज्यादातर निगरानी केंद्रों में गंगा नदी के पानी को नहाने लायक पाया गया है.
सीपीसीबी के वास्तविक समय के निगरानी आंकड़ों के अनुसार, गंगा नदी के विभिन्न बिन्दुओं पर स्थित 36 निगरानी इकाइयों में करीब 27 बिन्दुओं पर पानी की गुणवत्ता नहाने और वन्यजीव तथा मत्स्य पालन के अनुकूल पाई गई है.
लॉकडाउन के महज 4 दिन के अंदर ही देश के कई शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के आसपास आ गया था. 50 मतलब अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से शुद्ध सांस लेने लायक हवा.
जालंधर में घर की छतों से हिमाचल के पहाड़ देखे आपने? ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं लेकिन सिर्फ जालंधर ही नहीं, देश के 90 से ज्यादा शहरों की हवा इस वक्त अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से बेहतरीन यानी जी भरकर सांस लेने लायक हैं.
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