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Telangana: 800 साल पुराना काकतीय काल का Ramappa Temple यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल

केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी (G. Kishan Reddy) ने रविवार को बताया कि यूनेस्को (UNESCO) ने तेलंगाना (Telangana) के मुलुगू जिले के पालमपेट में स्थित ऐतिहासिक रुद्रेश्वर मंदिर को विश्व धरोधर की उपाधि प्रदान की है. इसको रामप्पा (Ramappa) मंदिर नाम से भी जाना जाता है.

800 साल पहले हुआ था मंदिर का निर्माण

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800 साल पहले हुआ था मंदिर का निर्माण

रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1213 ईस्वी में काकतीय साम्राज्य के शासनकाल के दौरान कराया गया था. यह मंदिर रेचारला रुद्र ने बनवाया था जो काकतीय राजा गणपति देव के एक सेनापति थे. यह भगवान शिव को समर्पित मंदिर है और मंदिर के अधिष्ठाता देवता रामलिंगेश्वर स्वामी हैं. इसे रामप्पा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसका नाम इसके शिल्पकार के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने 40 साल तक मंदिर के लिए काम किया था.

केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने जताया आभार

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केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने जताया आभार

केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि यूनेस्को ने तेलंगाना के वारंगल के पालमपेट में स्थित रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर स्थल के तौर पर मान्यता दी है. राष्ट्र, खासकर, तेलंगाना के लोगों की ओर से, मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए आभार व्यक्त करता हूं,'

भारत सरकार ने 2019 में दिया था प्रस्ताव

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भारत सरकार ने 2019 में दिया था प्रस्ताव

किशन रेड्डी ने अपने बयान में बताया कि, 'कोविड-19 महामारी के कारण, संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व विरासत समिति की बैठक 2020 में आयोजित नहीं की जा सकी थी. और 2020 और 2021 के नामांकनों पर ऑनलाइन बैठक की एक श्रृंखला में चर्चा की जा रही है. उन्होंने कहा कि रामप्पा मंदिर पर रविवार को चर्चा की गई. सरकार ने 2019 के लिए यूनेस्को को इसे विश्व धरोहर स्थल के तौर पर मान्यता देने का प्रस्ताव दिया था.

पीएम मोदी ने मंदिर घूमने का किया आग्रह

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पीएम मोदी ने मंदिर घूमने का किया आग्रह

रेड्डी ने बताया कि विश्व विरासत समिति में 21 सदस्य हैं और फिलहाल चीन इसकी अध्यक्षता कर रहा है जिसने तेलंगाना के मंदिर को विश्व धरोहर के लिए चुना. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'शानदार! सभी को बधाई, खासकर तेलंगाना की जनता को. प्रसिद्ध रामप्पा मंदिर महान काकतीय राजवंश के उत्कृष्ट शिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है. मैं आप सभी से इस शानदार मंदिर के परिसर में जाने और इसकी भव्यता का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का आग्रह करता हूं.'

तेलंगाना CM ने UNESCO के फैसले की सराहना की

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तेलंगाना CM ने UNESCO के फैसले की सराहना की

इसके अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने ऐतिहासिक रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता देने के यूनेस्को के फैसले की सराहना की. राव ने यूनेस्को के सदस्य राष्ट्रों, केंद्र सरकार को उसके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. इसी क्रम में तेलंगना के पर्यटन मंत्री वी श्रीनिवास गौड़ ने ट्विटर पर कहा, 'यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि काकतीय युग के 800 साल पुराने रामप्पा मंदिर को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के रूप में अंकित किया गया है.'

6 ऊंचे तारे जैसे मंच पर खड़ा है मंदिर

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6 ऊंचे तारे जैसे मंच पर खड़ा है मंदिर

रामप्पा मंदिर काकतियों के मंदिर परिसरों की विशिष्ट शैली, तकनीक और सजावट, मूर्तिकला के प्रभाव की अभिव्यक्ति है और काकतीयों की रचनात्मक प्रतिभा का प्रमाण प्रस्तुत करती है. मंदिर छह 6 ऊंचे तारे जैसे मंच पर खड़ा है, जिसमें दीवारों, स्तंभों और छतों पर जटिल नक्काशी से सजावट की गई है, जो काकतीय मूर्तिकारों के अद्वितीय कौशल को प्रमाणित करती है.

मंदिरों की आकाशगंगा में सबसे चमकीला तारा

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मंदिरों की आकाशगंगा में सबसे चमकीला तारा

उसमें बताया गया है कि यूरोपीय व्यापारी और यात्री मंदिर की सुंदरता से मंत्रमुग्ध थे और ऐसे ही एक यात्री ने उल्लेख किया था कि मंदिर दक्कन के मध्ययुगीन मंदिरों की आकाशगंगा में सबसे चमकीला तारा है. काकतीय धरोहर न्यास (केएचटी) के न्यासी एम पांडुरंगा राव ने कहा कि वे विश्व धरोहर स्थलों की सूची के लिए भारत के नामांकन में रामप्पा मंदिर को शामिल कराने के लिए 2010 से तेलंगाना राज्य पुरातत्व विभाग और एएसआई के साथ मिलकर इसका प्रस्ताव देने वाला एक डोजियर तैयार कर रहे थे.

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