देशभर में रेल यात्री और ट्रेनों के परिचालन के दौरान लगातार बढ़ते आतंकी खतरे को देखते हुए अब रेलवे ने सुरक्षा के लिहाज से कोरस यानि रेल सिक्योरिटी कमांडो की तैनाती शुरू कर दी है.
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नई दिल्ली: देशभर में रेल यात्री और ट्रेनों के परिचालन के दौरान लगातार बढ़ते आतंकी खतरे को देखते हुए अब रेलवे ने सुरक्षा के लिहाज से कोरस यानि रेल सिक्योरिटी कमांडो की तैनाती शुरू कर दी है. पहले चरण में कोरस के 1200 कमांडो को देशभर में उन इलाकों में तैनात किया जा रहा है जहां आंतकी खतरा ज्यादा है.
खासतौर से जम्मू कश्मीर के जिन इलाकों में ट्रेनों का परिचालन होता है वहां पूर्वोत्तर के राज्यों में गुजरने वाली ट्रेनों में और नक्सल प्रभावित इलाकों में ये कमांडो ट्रेनों को सुरक्षित रखनें में सहायता करेंगे. एनएसजी की तर्ज पर कठिन प्रशिक्षण से गुजरने के बाद इन कमांडो की बटालियन रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के जरिये तैनात होनी शुरू हो गई है. कोरस के जवान हर तरह की आंतकी, नक्सली घटनाओं से निपटनें में न सिर्फ सक्षम होंगे बल्कि क्विक रिस्पांस में भी माहिर हैं. किसी ट्रेन में यात्रियों को बंधक बनाने की कोशिश हो या फिर ट्रेन को अगवा करने की कोशिश या फिर किसी आंतकी साजिश के जरिये रेल यात्रियों को नुक्सान पहुचानें की कोशिश हो कोरस कमांडो किसी भी हालात में साजिश को नाकाम करने में सक्षम होंगे.
कश्मीर में अभी तकरीबन 135 किलोमीटर के हिस्से में ट्रेनों का परिचालन है और देश का बाकी हिस्से से ट्रेन अभी जम्मू के कटरा तक जाती है. कटरा से बनिहाल तक के हिस्से पर रेलवे लाइन का निर्माण तेज गति से चल रहा है जो 2022 के पहले ही पूरा होने की उम्मीद है अभी बनिहाल से श्री नगर के बीच पहले से ही रेल लाइन कनेक्ट है लिहाजा आने वाले कुछ सालों में रेलवे के जरिये भी जम्मू कश्मीर देश के बाकी हिस्से से जुड़ने वाला है. रेलवे के समक्ष रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से और ज्यादा चुनौती भी उत्पन्न होगी लिहाजा उस लिहाज से भी खासतौर पर कोरस फोर्स का गठन किया गया है जो कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर के आंतक प्रभावित राज्यों में रेल यात्रियों की सुरक्षा करेंगे और आंतकिय़ों की हर साजिश नाकाम करेंगे.
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में इसकी शुरूआत करते हुए कहा कि रेलवे हर तरह से अपने यात्रियों की सुरक्षा के लिए मुस्तैद है. कोरस के कमांडो आधुनिक हथियारों और प्रशिक्षण के साथ किसी भी परिस्थिति से निपट सकते है. इसी तरह रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के डीजी अरुण कुमार ने कहा कि जिस तरह से आतंकी खतरे की आशंका बनी रहती है लिहाजा वक्त के लिहाज से रेलवे ने ये कदम उठाया है और कोरस के ये कमांडो रेल यात्रियों के सफर को सुरक्षित बनाने में पूरी तरह से मुस्तैद रहेंगे.
इसी तरह से नक्सली इलाकों में ट्रेनों में आए दिन होने वाली घटनाओं और ट्रेक उड़ाने की साजिश को देखते हुए कोरस कमांडो को खासतौर पर प्रशिक्षण दिया गया है. रेलवे का मकसद साफ है कि साजिश रचने वाले आतंकी हो या नक्सली अब उनकी खैर नहीं क्योंकि उनको ठिकाने लगाने के लिए ट्रेन में कोरस के कमांडो की पैनी नजर रहेगी.