केरलवासियों की हर संभव मदद के लिए प्रयास कर रहा रेलवे : गोयल
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केरलवासियों की हर संभव मदद के लिए प्रयास कर रहा रेलवे : गोयल

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक आठ अगस्त से वर्षा और भूस्खलन के कारण केरल में 194 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 लोग लापता हैं.

गोयल ने कहा कि केरल में बाढ़ से प्रभावित लोगों की बेहतरी के लिए हम चिंतित हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित केरल में फंसे लोगों की मदद के लिए उनका मंत्रालय हर मुमकिन प्रयास कर रहा है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक आठ अगस्त से वर्षा और भूस्खलन के कारण राज्य में 194 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 लोग लापता हैं. आपदा की वजह से 3.14 लाख लोग राहत शिविरों में हैं. गोयल ने ट्वीट किया, ‘‘केरल में बाढ़ से प्रभावित लोगों की बेहतरी के लिए हम चिंतित हैं और केंद्र सरकार हर मुमकिन मदद मुहैया कराने को लेकर प्रतिबद्ध है.’’ 

 

 

केरल में पेयजल पहुंचाने के लिए रवाना की गई विशेष ट्रेन  
गोयल ने ट्वीट में कहा, ‘‘रेलवे राज्य सरकारों की विभिन्न एजेंसियों, सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य सरकारी एजेंसियों के जरिए केरल के लिए निशुल्क राहत सामग्री पहुंचाएगा.’’ पानी के साथ पुणे से ट्रेनें रवाना की जा रही है और रतलाम से भी पानी लेकर ट्रेन जाएगी. रेलवे की एक विज्ञप्ति के मुताबिक केरल के लिए शुक्रवार को तमिलनाडु में इरोड स्टेशन से 2.8 लाख लीटर पेयजल के साथ एक विशेष ट्रेन को रवाना किया गया.

गौरतलब है कि केरल में शनिवार को बाढ़ से 22 और लोगों की मौत हो गई. इस बीच भारी बारिश के अनुमान के कारण अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. राज्य के 11 जिलों में रेड अलर्ट जारी है.

राज्य के 11 जिलों में जारी है रेड अलर्ट 
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा शनिवार अपराह्न् जारी अनुमान के मुताबिक, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है. तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और कासरगोड को छोड़कर केरल के 11 जिले रेड अलर्ट पर हैं और यहां अधिक बारिश की संभावना है. एर्नाकुलम, त्रिशूर, इडुक्की, पथनामथित्ता और चेंगन्नूर जिलों से शनिवार को 22 लोगों की मौत की खबर है. बारिश से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में अलुवा, चलाकुडी, अलप्पुझा, चेंगन्नूर और पथनामथित्ता जैसे इलाके शामिल हैं, जहां बचाव अभियान तेजी से चलाया जा रहा है.

बचाव दलों ने बहुत से लोगों को बचाया है. मीडिया संस्थानों से प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के रिश्तेदारों और दोस्तों द्वारा जानकारी के लिए अनुरोध किए जा रहे हैं.

(इनपुट भाषा से)

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