नोटबंदी के मुद्दे पर पीएम मोदी ने विपक्ष पर बोला हमला, कहा-मुझे संसद में बोलने नहीं देते, इसलिए जनता के बीच बोलता हूं
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नोटबंदी के मुद्दे पर पीएम मोदी ने विपक्ष पर बोला हमला, कहा-मुझे संसद में बोलने नहीं देते, इसलिए जनता के बीच बोलता हूं

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैंने कभी अपना नहीं, देश का भला सोचा है। मेरा देश मेरे बाद की पीढ़ियों का क्या हो ये सोचने वाला देश है। मेरे देश का चिंतन भावी पीढ़ियों के सुख के लिए सोचने वाला है। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रपति अच्छा राजनीतिक अनुभव रखते हैं। राष्ट्रपति ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने पर आपत्ति जताई। मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दिया जाता, इसलिए मैंने जनसभा में बोलने का निर्णय लिया।

 

 

 

फाइल फोटो

दीसा (गुजरात) : नोटबंदी को लेकर लोगों को पेश आ रही कठिनाइयों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को सचेत किया कि आने वाले दिन और कठिन हो सकते हैं लेकिन 50 दिनों के बाद स्थितियां धीरे-धीरे सामान्य हो जायेंगी। संसद में व्यवधान के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें जनसभा में बोलने के लिए मजबूर किया जा रहा है क्योंकि उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है।

मोदी ने कहा, ‘मैंने पहले ही दिन से कहा है कि यह सामान्य निर्णय नहीं है। यह कठिनाइयों से भरा है। यह कठिन फैसला है और मैंने कहा है कि काफी कठिनाइयां और समास्याओं का सामना करना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा, ‘50 दिनों तक ये कठिनाइयां रहेंगी। और ये कठिनाइयां बढ़ेगी लेकिन 50 दिनों के बाद मैंने आकलन किया है कि स्थितियां एक बार में धीरे से सामान्य स्थिति की ओर बढ़ जायेंगी। आप देखेंगे कि 50 दिनों के बाद स्थिति धीरे धीरे बेहतर होने लगेगी।’ प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी को ऐसे समय में महत्वपूर्ण माना जा रहा है जब नोटबंदी के कारण बैंकों से पैसे निकालने में लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ रहा है। 

प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के कामकाज को बाधित करने को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि यहां तक कि राष्ट्रपति भी इनके आचरण से दुखी हैं। मोदी ने कहा, ‘विपक्ष मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दे रहा है, इसलिए मैंने जनसभा में बोलने का निर्णय किया है।’ मोदी ने यहां एक रैली में कहा, ‘लेकिन जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं लोकसभा में देश के सवा सौ करोड़ लोगों की आवाज को प्रस्तुत करने का प्रयास करूंगा।’ 

उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी समेत कुछ विपक्षी नेता नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में बोलने से भागने का आरोप लगा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं और लोगों की समस्यओं का जिक्र कर रहे हैं। उन्हें जनता को यह भी बताना चाहिए कि उन्हें कतार में खड़ा होने की जरूरत नहीं है और वे मोबाइल बैंकिंग का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘आपको पता होगा कि विपक्ष संसद में कामकाज नहीं होने दे रहा है। मुझे आश्चर्य है कि सरकार के आश्वासन के बावजूद प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर सदन में बोलेंगे। स्थितियां नहीं सुधर रही हैं। यहां तक कि राष्ट्रपति भी इससे अप्रसन्न हैं।’ मोदी ने कहा कि अगर विपक्ष चाहता है तो सरकार इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘विपक्ष चर्चा से इसलिए भाग रही है क्योंकि उन्हें पता है कि उनका झूठ पकड़ा जायेगा। विपक्ष में यह साहस नहीं है कि वे इस निर्णय को वापस लेने के लिए कह सके क्योंकि उन्हें समझ आ गया है कि लोग नोटबंदी के पक्ष में हैं। इसलिए वे सभी कह रहे हैं कि नोटबंदी को ठीक ढंग से लागू किया जाना चाहिए।’ 

मोदी ने कहा कि नोटबंदी कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोटों को उखाड़ फेंकेगा। उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी आतंकवाद और नक्सलवाद की रीढ़ को तोड़ देगा। मैं आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा हूं क्योंकि यह जाली मुद्रा को पोषित करता है और उनकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। नोटबंदी कमजोर वर्ग और ईमानदार लोगों के सशक्तिकरण के लिए है।’ बनासकांठा जिले में 350 करोड़ रुपये के संयंत्र के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने कहा, ‘आप मेरी आलोचना करें, लोगों की समस्याओं को उठायें लेकिन जनता को बतायें कि कतार में खड़ा होने की जरूरत नहीं है और आप मोबाइल बैंकिंग का उपयोग कर सकते हैं।’ मोदी ने कहा कि बड़े मूल्य के नोटों को वापस लेने के बाद छोटे नोटों विशेष तौर पर 100 रुपये के नोट का महत्व बढ़ा है।

उन्होंने लोगों से कैशलेश अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने और भुगतान के नये रास्तों और नई प्रौद्योगिकी को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कालाधन की जमाखोरी करने वालों और भ्रष्टाचार का पोषण करने वालों को माफी नहीं किया जायेगा। 

मोदी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग उनसे कह रहे हैं कि नोटबंदी को एक सप्ताह के लिए रोक दिया जाए। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग मुझसे नोटबंदी को लागू करने को टालने के लिए कह रहे हैं। मैं पूछता हूं कि इसमें देरी करने को कहने के पीछे उनका इरादा क्या है?’ मोदी ने विपक्षी दलों से सरकार के साथ मिलकर कैशलेश लेनदेन के बारे में जागरूकता फैसले का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि जैसे चुनाव के समय सभी दल अधिक से अधिक मतदान सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करते हैं, चाहे इनके बीच कितने भी मतभेद क्यों न हो। विपक्षी दलों को साथ आना चाहिए और लोगों को ई बैंकिंग के बारे में जागरूक बनाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे इसमें कोई एतराज नहीं है कि आप इसका फायदा उठाये। देशहित में हम बदलाव के लिए साथ आएं।

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