पीएम मोदी ने कहा, 'साइबर सुरक्षा के मुद्दों को तुरंत निपटाया जाना चाहिए'
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पीएम मोदी ने कहा, 'साइबर सुरक्षा के मुद्दों को तुरंत निपटाया जाना चाहिए'

पीएम मोदी ने कहा कि मैसेजिंग (संदेशों) की अधिक प्रभावशीलता के लिए इसे स्थानीय भाषाओं में होना चाहिए.  

प्रधानमंत्री ने सोमवार को टेकनपुर स्थित बीएसएफ ऐकडमी में देशभर के पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया. (फोटो साभार - PTI)

टेकनपुर (मध्यप्रदेश) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार (08 जनवरी) को देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों का ध्यान सोशल मीडिया और साइबर सुरक्षा से जुड़े विषयों पर दिलाते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा के मुद्दों को तुरंत निपटाया जाना चाहिए और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता भी देना चाहिए. प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में विशेष रूप से सोशल मीडिया के महत्व को रेखांकित किया. मोदी ने कहा कि मैसेजिंग (संदेशों) की अधिक प्रभावशीलता के लिए इसे स्थानीय भाषाओं में होना चाहिए.  कट्टरता के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि समस्याग्रस्त क्षेत्रों में हल निकालने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए . प्रधानमंत्री ने सोमवार को टेकनपुर स्थित बीएसएफ ऐकडमी में देशभर के पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अवैध वित्तीय लेनदेन के बारे में सूचनाओं के वृहद आदान प्रदान को लेकर वैश्विक स्तर पर सहमति बन रही है.

  1. साइबर सुरक्षा के मुद्दों को तुरंत निपटाया जाना चाहिए : पीएम 
  2. सुरक्षा को चुनिंदा तरीके से या अकेले हासिल नहीं किया जा सकता : पीएम
  3. राज्यों के बीच समन्वय और जानकारी साझा कर हर किसी को अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है : पीएम

सुरक्षा को चुनिंदा तरीके से या अकेले हासिल नहीं किया जा सकता : पीएम
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अवैध वित्तीय लेन-देन पर अधिक जानकारी साझा करने के लिए उभरती हुई वैश्विक सहमति का उल्लेख किया और कहा कि भारत को इस दिशा में एक प्रमुख भूमिका निभाना है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मुद्दों पर जैसा कि दुनिया भर में खुलेपन की स्वीकार्यता बढ़ रही है, यहां भी राज्यों को इसे अपनाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा को चुनिंदा तरीके से या अकेले नहीं प्राप्त किया जा सकता है. लेकिन राज्यों के बीच समन्वय और जानकारी साझा कर हर किसी को अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है.

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अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने बताया कि साल 2014 के बाद से सम्मेलन की प्रकृति और क्षेत्र में कैसे बदलाव हुए हैं, इसी के तहत यह सम्मेलन दिल्ली से बाहर किया जा रहा है. उन्होंने उन अधिकारियों की सराहना की जो इस बदलाव में सहायक रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की चुनौतियों और जिम्मेदारियों के संदर्भ में यह सम्मेलन अब और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है. सम्मेलन के नए प्रारूप में चर्चा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

प्रधानमंत्री ने आईबी अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक भी प्रदान किए. 
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इस सम्मेलन में चर्चाओं के परिणामस्वरूप अब एक उद्देश्य स्पष्ट रूप से पुलिस बल को परिभाषित करता है . इस सम्मेलन के माध्यम से शीर्ष पुलिस अधिकारियों को समस्याओं और चुनौतियों को समझने में एक पूर्ण दृष्टिकोण मिलता है. उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में चर्चा की जा रही विषयों की श्रेणी अधिक विस्तृत हो गई है. उन्होंने कहा कि इसने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पूरी तरह से नई दृष्टि देने में मदद की है.

प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि पूरे वर्ष कार्य समूहों के माध्यम से आगे की कार्यवाही पर ध्यान रखा जाए. इसके आलोक में उन्होंने विशेष रूप से युवा अधिकारियों को शामिल करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इससे कार्यकुशलता में सुधार लाने में बहुत मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री ने आईबी अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक भी प्रदान किए. अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने आईबी के पदक प्राप्त अधिकारियों को उनके समर्पण और सेवा के प्रति प्रतिबद्धता के लिए बधाई दी और सराहना भी की.

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर और किरण रिजीजू भी उपस्थित थे.

(इनपुट - भाषा)

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