भारत-पाक में बढ़े तनाव के बीच प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा पर उच्च स्तरीय बैठक
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने देश में पकड़े गए भारतीय वायु सेना के पायलट को रिहा करने की घोषणा की है.
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नई दिल्ली: पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को सुरक्षा मामलों पर उच्च स्तरीय बैठक हुई . यह बैठक ऐसे समय में हुई जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने देश में पकड़े गए भारतीय वायु सेना के पायलट को रिहा करने की घोषणा की है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, वित्त मंत्री अरूण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने हिस्सा लिया . प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया.
यह बैठक पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को भारतीय वायु सेना द्वारा निशाना बनाये जाने के बाद पाकिस्तानी वायु सेना द्वारा भारतीय वायु क्षेत्र के उल्लंघन की पृष्ठभूमि में हुई है . इसके बाद हवाई संघर्ष में पाकिस्तान का एक एफ-16 विमान गिरा दिया गया और भारत का एक मिग 21 विमान भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया . इस दौरान पाकिस्तान ने भारतीय पायलट अभिनंदन को पकड़ लिया था. इस घटनाक्रम को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
इससे पहले, तीनों सेनाओं ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की. तीनों सेनाओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि भारत पाकिस्तान के साथ हर मुकाबले को तैयार है. साझा बयान में कहा गया कि भारतीय सेना आतंकी कैंपों पर हमले के हमेशा तैयार है.
सेना के मेजर जनरल एसएस महाल ने कहा कि तनाव पाकिस्तान की ओर से बढ़ाया गया है, दुश्मन यदि उकसाता है तो भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार. वहीं सेना ने कहा कि यंत्रीकृत बल को तैयार रखा गया है, सैनिक किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए तैयार है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय नौसेना ने कहा कि वह समुद्र में पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है.
'पाक वायुसेना के बम से कोई नुकसान नहीं पहुंचा'
एवीएम आरजीके कपूर ने कहा कि पाकिस्तान के विमान ने सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का प्रयास किया लेकिन पाकिस्तान वायुसेना के बमों से हमारे किसी भी रक्षा प्रतिष्ठान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. पाकिस्तान के बम सैन्य प्रतिष्ठान के परिसर में गिरे लेकिन वे लक्ष्यों को निशाना बनाने में विफल रहे. वायुसेना ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर से साबित होता है कि पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले के लिए एफ-16 विमान तैनात किया.