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नयी दिल्ली: नोटबंदी के बाद नियमों में लगातार बदलाव किए जाने की आलोचना को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आरोप लगाया कि जो लोग खुल कर भ्रष्टाचार और काले धन का समर्थन नहीं कर पाते, वे सरकार की कमियां ढूंढने में लगे हैं। इसके साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बेनामी सम्पत्तियों के खिलाफ मजबूत कानून लागू कर इससे मुकाबला किया जाएगा।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा ‘व्यक्तिगत भ्रष्टाचार’ का आरोप लगाए जाने तथा नोटबंदी को लेकर विपक्ष के तीखे तेवर के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यह पूर्ण विराम नहीं है, ये तो अभी शुरुआत है। यह जंग जीतना है और थकने का तो सवाल ही कहां उठता है, रुकने का तो सवाल ही नहीं उठता है।’
इस साल के आखिरी ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में मोदी ने पैसे जमा कराने तथा निकासी से जुड़े नियमों में बदलाव का बचाव किया और कहा कि लोगों की परेशानियों को ध्यान में रखकर तथा उन ताकतों को हराने के लिए ऐसा किया गया जो काले धन के खिलाफ उनकी सरकार के प्रयास को नाकाम करना चाहती हैं।
उन्होंने कहा कि एक बात ये भी आती है बार-बार नियम क्यों बदलते हैं। ये सरकार जनता के लिये है। सरकार लगातार जनता का फीडबैक लेने का प्रयास करती है। जनता को कहां कठिनाई हो रही है, किस नियम के कारण दिक्कत आती है, उसका क्या रास्ता खोजा जा सकता है।
हर पल एक संवेदनशील सरकार होने के कारण जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जितने भी नियम बदलने पड़ते हैं, बदलती है, ताकि लोगों की परेशानी कम हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के नये तरीके अपनाए जाते हैं तो हमें भी उसकी काट के लिये नया तरीका अपनाना पड़ता है।