Vande Bharat Train Inauguration: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश को 9 वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) की सौगात दी. इन 9 वंदे भारत ट्रेनों से 11 राज्यों को कनेक्टिविटी मिलेगी. यही नहीं इस बार वंदे भारत जिन रेलमार्गों पर चलाई जा रही है उनमें पुरी, मदुरै और तिरुपति जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी शामिल हैं. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नौ वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई. पीएम मोदी ने भारत में विश्वस्तरीय ट्रेन सुविधा के लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाते हुए आज से 9 और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत होने जा रही है.


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इन शहरों के बीच चलेगी वंदे भारत ट्रेन


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जिन रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई, ये ट्रेनें अपने रूट पर सबसे तेज गति से दौड़ेंगी और यात्रियों के समय में काफी बचत करेंगी. इनमें उदयपुर-जयपुर, तिरुनेलवेली-चेन्नई, हैदराबाद-बेंगलुरु, विजयवाड़ा-चेन्नई, पटना-हावड़ा, कासरगोड-तिरुवनंतपुरम, राउरकेला-पुरी, रांची-हावड़ा और जामनगर-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस शामिल है.


धार्मिक स्थलों की बेहतर कनेक्टिविटी


गौरतलब है कि आज से जिन रेलगाड़ियों की शुरुआत हुई है. उनसे पुरी, मदुरै और तिरुपति जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. फिलहाल ये भारत की सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन है और महज 52 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती है. बाकी सुपरफास्ट ट्रेनों के मुकाबले वंदे भारत कम से कम 30% समय की बचत करती है.


पीएम मोदी का बड़ा बयान


पीएम मोदी ने कहा कि पच्चीस ‘वंदे भारत’ ट्रेन चल रही हैं, अब नौ और ट्रेन जोड़ी गई हैं और वह दिन दूर नहीं, जब ये ट्रेन देश के सभी हिस्सों को जोड़ेगी. बुनियादी ढांचे के विकास की गति, पैमाना 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं से मेल खा रहा है. वंदे भारत ट्रेन की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, इनमें 1,11,00,000 से अधिक यात्री सफर कर चुके हैं.


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जिन ट्रेनों को शुरू किया गया है, वे पहले की तुलना में ज्यादा आधुनिक और आरामदायक हैं. ये वंदे भारत ट्रेनें नए भारत के नए जोश, नए उत्साह और नई उमंग का प्रतीक है. देश में आधुनिक कनेक्टिविटी विस्तार का यह अभूतपूर्व अवसर है. इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की यह गति और स्केल 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं से बिल्कुल मैच कर रही हैं और यही आज का भारत चाहता है.