नई दिल्ली : परंपराओं से अलग हटकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को दशहरा के अवसर पर लखनऊ में ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला में हिस्सा लेंगे। इसे प्रधानमंत्री की ओर से उत्तर प्रदेश के लोगों से जुड़ने के एक और प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है जहां अगले वर्ष के प्रारंभ में चुनाव होना है। जानकारी के अनुसार, मोदी आज शाम दशहरा मनाने लखनऊ पहुंचेंगे और इसके मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
भाजपा उपाध्यक्ष और लखनउ के मेयर दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अक्तूबर को इसमें शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। यह रामलीला काफी पहले से आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आरती में हिस्सा लेंगे और फिर रावण के पुतले के दहन के लिए संकेतिक रूप से तीर चलाएंगे।
आमतौर पर प्रधानमंत्रियों को राष्ट्रीय राजधानी में त्योहार मनाते देखा गया है। मोदी के लखनऊ में दशहरा के मौके पर इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने का काफी महत्व है क्योंकि उत्तरप्रदेश में अगले साल के प्रारंभ में चुनाव होने हैं जहां भाजपा 15 वर्षों के अंतराल के बाद राज्य में सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रही है। यहां भाजपा का मुकाबला सत्तारूढ़ सपा और मुख्य विपक्षी पार्टी मायावती की बसपा से है। ऐशबाग रामलीला को बहुलतावादी समाज और गंगा जमुनी तहजीब के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है।
उत्तर प्रदेश में मजबूत क्षेत्रीय नेता नहीं होने के कारण भाजपा एक बार फिर राज्य में चुनाव अभियान के लिए मोदी की अपील पर निर्भर दिख रही है। लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में राज्य में भाजपा को जबर्दस्त सफलता मिली थी।
बीजेपी ने कहा है कि मोदी के उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ आकर दशहरा मेले में शामिल होने के पीछे कोई ‘राजनीति’ या ‘मंतव्य’ नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं लखनऊ के महापौर डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि रावण पहला आतंकी था और उसका विरोध करने के लिए आज तक उसका पुतला हम जलाते हैं। ये विचार भारत का है। उसी का प्रतिपादन करने प्रधानमंत्री यहां आ रहे हैं। मोदी के लखनउ आकर दशहरा मनाने को उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से जोडने और राजनीतिक लाभ लेने के विरोधी दलों के आरोपों की ओर ध्यान दिलाये जाने पर डा. शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के लखनउ स्थित ऐशबाग के अत्यंत प्राचीन ऐतिहासिक दशहरा मेले में शामिल होने के पीछे ना तो कोई राजनीति है और ना ही कोई मंतव्य। उन्होंने कहा कि यह उनकी (मोदी) श्रद्धा और अस्था का प्रतीक है। गंगा जमुनी स5यता के प्रतीक स्थल के प्रति नमन का भाव है।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले मोदी के दशहरा मेले में शामिल होने को लेकर विपक्षी दलों की ओर उंगली उठाये जाने के बारे में सवाल किये जाने पर शर्मा ने कहा कि स्वयं प्रधानमंत्री और देशवासियों को भी पता है कि रावण तो कई हजार साल पहले मरा था। उत्तर प्रदेश चुनाव तो अब आ रहा है। रावण वध का एक तय समय होता है। तारीख तय होती है। उत्सव होता है। प्रधानमंत्री उसमें जाते हैं और ‘जो लोग उसमें राजनीति जोड़ते हैं वे पहले अपनी स्थिति देखें। उन्होंने कहा कि मोदी का ऐशबाग दशहरा मेला में शामिल होना पूरी तरह ‘गैर राजनैतिक’ कार्यक्रम है और इसका राजनीति से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है।
शर्मा ने कहा कि ऐशबाग रामलीला समिति की ओर से पिछले सत्तर साल से देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को आमंत्रण पत्र जाता रहा है। उल्लेखनीय है कि पूर्व के प्रधानमंत्री आम तौर पर नई दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में होने वाले दशहरा मेला में शामिल होते आये हैं। शर्मा ने बताया कि ऐशबाग रामलीला मैदान में 25 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था है। बाहर की भीड़ जोड़ें तो लगभग सवा लाख लोग हो जाते हैं। सब लोगों का मैदान में बैठना संभव नहीं है, इसलिए दर्जन भर एलसीडी वैन और मैदान के आसपास की जगहों पर तीन दर्जन से अधिक एलसीडी स्क्रीन लगाये गये हैं ताकि प्रधानमंत्री के उद्बोधन को जनता सीधे देख सके। (एजेंसी इनपुट के साथ)