प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा मंगोलिया का प्रख्यात नादम उत्सव
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा मंगोलिया का प्रख्यात नादम उत्सव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने व्यस्त कार्यक्रम से कुछ समय निकाल कर यहां लघु नादम उत्सव में घोड़ों की दौड़, परंपरागत कुश्ती और तीरंदाजी के कौशल देखे। परंपरागत मंगोलियाई परिधान और हैट पहने मोदी ने प्रधानमंत्री चिमेड साइखान्बीलेग के साथ उत्सव का आनंद लिया।

Pic courtesy- MEA

उलानबटोर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने व्यस्त कार्यक्रम से कुछ समय निकाल कर यहां लघु नादम उत्सव में घोड़ों की दौड़, परंपरागत कुश्ती और तीरंदाजी के कौशल देखे। परंपरागत मंगोलियाई परिधान और हैट पहने मोदी ने प्रधानमंत्री चिमेड साइखान्बीलेग के साथ उत्सव का आनंद लिया।

मोदी गाड़ी से यहां स्थित हवाईअड्डे के समीप चिंगिस खुरी में एक खुले इलाके में पहुंचे और करीब एक घंटे तक उन्होंने घुड़दौड़, परंपरागत कुश्ती और तीरंदाजी के कौशल देखे। उन्होंने तीरंदाजी में हाथ आजमाने की कोशिश भी की। मंगोलियाई प्रधानमंत्री साइखान्बीलेग ने प्रधानमंत्री मोदी को एक घोड़ा भेंट किया।

स्थानीय बोली में नदाम को ‘एरीन गुरवान नदाम‘ (पुरुषों के तीन खेल) कहा जाता है। ये खेल मंगोलियाई कुश्ती, घोड़ों की रेस और तीरंदाजी हैं जो ग्रीष्मकाल के मध्य में पूरे देश में खेले जाते हैं। महिलाओं ने तीरंदाजी में और लड़कियों ने घुड़दौड़ में भाग लेना शुरू कर दिया है लेकिन मंगोलियाई कुश्ती से वे दूर हैं। वर्ष 2010 में नादम को यूनेस्को की ‘‘इन्टैन्जिबल कल्चरल हैरिटेज ऑफ ह्यूमैनिटी’ की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया था।

दोनों पक्षों के बीच संयुक्त बयान के अलावा 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए जिनमें सीमा की निगरानी, पुलिस एवं चौकसी तथा वायु सेवा के साथ साइबर सुरक्षा एवं नवीकरणीय उर्जा के क्षेत्र में सहयोग को बढाना शामिल है। मोदी ने कहा कि मंगोलिया की यात्रा करने वाले पहला भारतीय प्रधानमंत्री होना सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, ऐसे समय में यहां आना सम्मान की बात है जब दो मील के पत्थर से जुड़े अवसर हैं..एक मंगोलिया में लोकतंत्र का 25वां वर्ष है और दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री के साथ अपनी बातचीत से काफी खुश हूं। हमारे बीच द्विपक्षीय संबंधों और हमारे क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर काफी मजबूत एक जैसे विचार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, हमने अभी अभी जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किये वे हमारे संबंधों की गहराई को बयां कर रहे हैं। इनमें आर्थिक संबंध, विकास से जुड़े गठजोड़, रक्षा एवं सुरक्षा तथा लोगों के बीच संबंध शामिल हैं। मोदी ने मंगोलिया के राष्ट्रपति साखियागिन एल्बेगद्रोज से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय एवं साझे हितों के मुद्दों पर चर्चा की।

संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत व मंगोलिया सामूहिक प्रयासों के आधार पर एशिया प्रशांत क्षेत्र में मुक्त व संतुलित तथा समावेशी सुरक्षा ढांचा चाहते हैं। इसे क्षेत्र के सभी देशों के वैध हितों तथा नियमों और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धान्तों का सम्मान करते हुए हासिल किया जाएगा।

 

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