प्रधानमंत्री Narendra Modi ने किसानों को दिया तोहफा, अब सिर्फ 1200 रुपये में मिलेगा DAP खाद का बैग
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प्रधानमंत्री Narendra Modi ने किसानों को दिया तोहफा, अब सिर्फ 1200 रुपये में मिलेगा DAP खाद का बैग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने DAP खाद के एक बैग की कीमत 2400 रुपये से घटाकर 1200 रुपये कर दिया है. इसकी जानकारी पीएम ने खुद ट्विटर पर शेयर की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने किसानों को तोहफा देते हुए डाइअमोनिया फास्फेट (DAP) खाद के एक बैग की कीमत को कम कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए ये जानकारी साझा की है.

आधे दामों में मिलेगी खाद

पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसलिए अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में बढ़ोतरी के बावजूद हमने उन्हें पुरानी दरों पर ही खाद मुहैया कराने का निर्णय लिया है. आज के फैसले के बाद DAP खाद का एक बैग 2400 रु की जगह 1200 रु में ही मिलेगा.'

अब मिलेगी 140 फीसदी सब्सिडी

दरअसल, सरकार ने DAP पर मिलने वाली सब्सिडी को प्रति बोरी 500 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये कर दिया है. सरल शब्दों में कहें तो सब्जिडी को 140 फीसदी कर दिया है. इससे किसानों को 2,400 रुपये प्रति बोरी की जगह 1200 रुपये कीमत चुकानी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई उच्च-स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया है. 

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हाल ही में 60-70 फीसदी बढ़े हैं दाम

गौरतलब है कि पिछले साल डीएपी की असल कीमत 1,700 रुपये प्रति बोरी थी. इस पर केंद्र सरकार 500 रुपये की सब्सिडी देती थी. इस तरह किसानों को प्रति बोरी 1200 रुपये की कीमत चुकानी पड़ती थी. लेकिन, हाल में डीएपी में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फोरिक एसिड (PhosPhoric Acid), अमोनिया (Amonia) आदि की कीमतें 60 से 70 फीसदी तक बढ़ गई हैं. इसके चलते डीएपी की एक बोरी की कीमत 2,400 रुपये हो गई है. सब्सिडी घटाकर खाद कंपनियों को इसकी बिक्री प्रति बोरी 1900 रुपये में की जाती है.

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क्या दूर होगी किसानों की नाराजगी?

केंद्र सरकार ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया है, जब हाल ही में सरकार को कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर नाराजगी और आंदोलन का सामना करना पड़ा है. इस फैसले को किसानों की नाराजगी को दूर करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. ज्ञात हो की तीन कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर पिछले साल से ही सरकार को आंदोलन और नारेबाजी का सामना करना पड़ रहा है. यही कारण है कि हाल में हुए चुनावों में बीजेपी को बड़ा झटका लगा.

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