बिरयानी से लेकर मालाबार लॉबस्टर, मोदी-जिनपिंग के डिनर में थे इतने लजीज व्यंजन
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बिरयानी से लेकर मालाबार लॉबस्टर, मोदी-जिनपिंग के डिनर में थे इतने लजीज व्यंजन

प्रधानमंत्री मोदी ने खास तौर पर मेहमान नेता के लिए दक्षिण भारतीय नॉनवेज थाली के विशेष निर्देश दिए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति झी जिनपिंग डनिर करते हुए. (फोटो:ANI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति झी जिनपिंग डनिर करते हुए. (फोटो:ANI)

चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार रात महाबलीपुरम (Mahabalipuram) में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के लिए डिनर (रात का खाना) का आयोजन किया. इस दौरान मेहमान नेता के लिए दक्षिण भारतीय व्यंजनों की थाली परोसी गई.

शी जिनपिंग की थाली के मीनू में थक्कली रसम, मालाबार लॉबस्टर, कोरी केम्पू, मटन उलारथियाडु, कुरुवेपिल्लई मीन वरुवल, तंजावुर कोझी करी, येराची गेट्टी कोझांबू, बीटरूट गिंगर चॉप, पच सुंडकाई, अरिका कोक्सहंबू, अर्चाविता सांभर, मामसम बिरयानी, इंडियन ब्रेड, अड प्रधामन, कावानारसी हलवा, मक्कनी आइसक्रीम, मसाला चाय शामिल रहे.

विश्व प्रसिद्ध महाबलीपुरम में पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग ने अपने दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान शुक्रवार लगभग छह घंटे का समय बिताया. भारतीय प्रधानमंत्री ने खास तौर पर मेहमान के लिए इस नॉनवेज थाली के लिए विशेष निर्देश दिए थे.

मोदी ने जिनपिंग को पंचरथ घुमाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पंचरथ, अर्जुन तपस्या स्थल और शोर मंदिर का भ्रमण कराया. इस दौरान मोदी ने जिनपिंग को इन स्थलों के महत्व के बारे में भी बताया. पंचरथ को ठोस चट्टानों को काटकर बनाया गया है. पंचरथ के बीच में एक विशाल हाथी और शेर की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं. अर्जुन तपस्या स्थल महाबलिपुरम के शानदार स्मारकों में से एक है. मोदी और जिनपिंग ने साथ में पंचरथ का भ्रमण किया. महाभारत के पात्रों के नाम पर पंचरथ बनाया गया है. माना जाता है कि यहां पर अर्जुन ने तपस्या की थी. यद्यपि पांच पांडव भाइयों युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव और उनकी पत्नी द्रौपदी के अलावा भारतीय महाकाव्य महाभारत के साथ कोई ऐतिहासिक संबंध नहीं है.

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मोदी ने जिनपिंग को उस जगह से अवगत कराया, जहां पर अर्जुन ने तपस्या की थी. यहां एक बड़े शिलाखंड पर हिंदू देवताओं के अलावा शिकारियों, ऋषियों, जानवरों के चित्र उकेरे गए हैं. कहा जाता है कि 7वीं शताब्दी में पल्लव राजाओं ने इसका निर्माण कराया था. इस पंचरथ को अद्भुत वास्तुकला के लिए अपूर्व माना जाता है. मोदी और शी पंचरथ देखने के बाद कुछ देर विश्राम के लिए बैठे. इस दौरान भी मोदी कुछ कहते नजर आए और जिनपिंग गंभीरता से उन्हें सुनते दिखे.

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विश्राम के दौरान मोदी और जिनपिंग को नारियल पानी दिया गया. इस दौरान मोदी ने खुद अपने हाथों से नारियल का पानी और टिशू शी को बढ़ाया. इस दौरान दोनों नेताओं ने नारियल पानी का लुत्फ उठाया.

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