नई दिल्ली: महाबलीपुरम (Mahabalipuram) के कूटनीति से अलग पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का कवि रूप दिखाई दिया. समंदर के किनारे मॉर्निंग वॉक के दौरान उन्होंने कविता लिखी. पीएम मोदी ने अपनी इस कविता को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. पीएम मोदी ने समंदर की लहरों से संवाद करती हुई एक कविता लिखकर कवि हृदय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari vajpayee) की याद दिला दी है. भाजपा के दिग्गज नेता अटल की पहचान एक राजनेता के साथ संवेदनशील कवि की भी रही है, वह अपने जज्बातों को समय-समय पर कविताओं के जरिए बयां किया करते थे.
ठीक उसी नक्शेकदम पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर कविता के जरिए अपनी भावनाओं को काव्यात्मक रूप में व्यक्त किया. मौका, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के साथ ऐतिहासिक महाबलीपुरम में शिखर वार्ता का था. इस सिलसिले में यहां पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी जब बीच पर चहलकदमी कर रहे थे तो वह समंदर के सौंदर्य और उसमें छिपे जीवन-दर्शन को खोजकर कविता रचने से खुद को रोक नहीं सके. रविवार को ट्विटर पर शेयर करते ही उनकी कविता सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को करीब दोपहर 2.30 बजे ने एक ट्वीट कर लिखा, "कल महाबलीपुरम में सवेरे तट पर टहलते-टहलते सागर से संवाद करने में खो गया. ये संवाद मेरा भाव-विश्व है. इस संवाद भाव को शब्दबद्ध करके आपसे साझा कर रहा हूं." फिर उन्होंने यह कविता शेयर की :
वर्ष 2015 में 'साक्षी भाव' नाम से भी कविता संग्रह छप चुकी है, जिसमें मां से संवाद करती हुई उनकी कविताएं हैं. 'सामाजिक समरसता', 'ज्योतिपुंज' नाम से भी उनकी किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. बच्चों को परीक्षा के तनाव से उबारने के लिए उनकी साल 2018 में प्रकाशित पुस्तक 'एग्जाम वॉरियर्स' सुर्खियों में रही थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई पहली बार कविता नहीं लिखी है, उनका कविताओं और साहित्य से पुराना नाता रहा है. देश, समाज, पर्यावरण, प्रेम, संघ नेताओं आदि पर लिखी अब तक उनकी 11 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हो चुकीं हैं. इनमें गुजराती में लिखा काव्य संग्रह- 'आंख अ धन्य छे' प्रमुख है, इसमें मोदी की 67 कविताएं हैं. मध्य प्रदेश भाजपा की पत्रिका 'चरैवेति' में उनकी गुजराती में लिखी कविताओं का हिंदी अनुवाद प्रकाशित हो चुका है.
(इनपुट IANS से भी)