मंत्रियों को जिम्मेदारियां सौंपे जाने के बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद की पहली बैठक बुधवार को होगी, जिसमें सरकार के लघु व दीर्घकालिक एजेंडे पर चर्चा की संभावना है.
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नई दिल्ली: मंत्रियों को जिम्मेदारियां सौंपे जाने के बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद की पहली बैठक बुधवार को होगी, जिसमें सरकार के लघु व दीर्घकालिक एजेंडे पर चर्चा की संभावना है. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार के सभी सचिवों के साथ हुई बातचीत के अगले दिन होने जा रही है. इस बैठक के बाद केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी. सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में पांच जुलाई को संसद में पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट की तैयारियों पर चर्चा संभावित है.
केंद्रीय बजट प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली नई एनडीए सरकार के इरादे का पहला बयान होगा. इसमें सरकार की अगले पांच वर्षो की सोच का व्यापक खाका खींचे जाने की संभावना है. सरकार के एजेंडे पर 10 अध्यादेशों की जगह लेनेवाले कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक भी हैं, जो अगले सप्ताह शुरू होने वाले संसद सत्र के दौरान पेश किए जाने हैं. सचिवों के साथ हुई बैठक में मोदी ने उनसे कहा था कि योजना व रोडमैप बनाना और भारत को पांच महाशंख डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए फैसले लेना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है.
राज्य मंत्रियों की भूमिका रेखांकित कर सकते हैं पीएम
सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री मंत्रालयों को चलाने में राज्य मंत्रियों की भूमिका रेखांकित कर सकते हैं और कैबिनेट मंत्रियों से अपने सहायकों को पर्याप्त जिम्मेदारियां देने के लिए कह सकते हैं. सरकार के अगले पांच साल के लिए कार्य योजना पर भी चर्चा हो सकती है और मोदी के इस पर मंत्रियों को संबोधित करने की संभावना है. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में मंत्री परिषद की बैठक नियमित रूप से होती थी. प्रधानमंत्री मंत्रियों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं औैर उनके बारे में लोगों को जागरूक करने के संबंध में बताते थे. मोदी महत्वपूर्ण मंत्रालयों और क्षेत्रों के प्रदर्शन की समीक्षा भी करते थे.
मंत्री परिषद की बैठक के पहले, केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक भी बुधवार को होगी. अगले सप्ताह से संसद सत्र शुरू होने के साथ ही राज्य मंत्रियों के पास महत्वपूर्ण भूमिका होगी क्योंकि उनके मंत्रालयों को सदन के पटल पर रखे जाने वाले संसदीय सवालों का जवाब देना होगा. कैबिनेट मंत्री आमतौर पर उन्हीं सवालों को देखते हैं जिनके मौखिक जवाब दिए जाने होते हैं. मंत्रिमंडल की पहली बैठक में मोदी सरकार ने सभी किसानों को प्रधानमंत्री-किसान योजना के दायरे में लाने के लिए उसके विस्तार को मंजूरी दी थी. इस योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी.