आपातकाल की 46वीं बरसी पर PM Modi ने कांग्रेस पर किया हमला, ट्वीट कर बोले- उन काले दिनों को कभी नहीं भूलेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को आपातकाल (Emergency) की 46वीं बरसी पर ट्वीट कर कहा कि आपातकाल के उन काले दिनों को कभी भुलाया नहीं जा सकता, जब संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया था.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को आपातकाल (Emergency) की 46वीं बरसी पर कांग्रेस पार्टी (Congress) पर हमला बोला. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आपातकाल के उन काले दिनों को कभी भुलाया नहीं जा सकता, जब संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया था. बता दें कि देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच 21 महीने की अवधि तक आपातकाल लागू किया गया था. इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) उस समय देश की प्रधानमंत्री थीं.
आपातकाल के काले दिनों को भूला नहीं जा सकता: मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ट्वीट कर कहा, 'आपातकाल के काले दिनों को कभी नहीं भूला जा सकता. साल 1975 से 1977 की अवधि ने देखा कि कैसे संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया. आइए, हम सब भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने और संविधान में प्रदत्त मूल्यों के अनुरूप जीने का प्रण लें.'
कांग्रेस ने हमारे लोकतंत्र को कुचल दिया: पीएम मोदी
भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करने और आपातकाल का विरोध करने वालों को याद करते हुए पीएम मोदी ने भाजपा (BJP) की ओर से इंस्टाग्राम पर जारी किए गए पोस्ट के एक लिंक को भी साझा किया, जिसमें जिक्र किया गया है कि आपातकाल के दौर में भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद पर बनी फिल्मों, किशोर कुमार के गानों, महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर के कोट्स तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस पर पीएम मोदी ने कहा, 'इस प्रकार से कांग्रेस ने हमारे लोकतंत्र को कुचल दिया था.'
21 महीने के लिए लगा था आपातकाल
बता दें कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई थी, जिसने कई ऐतिहासिक घटनाओं को जन्म दिया. 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल था. तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा की थी. स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद काल था. आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे.
(इनपुट- भाषा)
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