PMO ने गौवध मॉडल बिल पर मंत्रालय से मांगी राय
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PMO ने गौवध मॉडल बिल पर मंत्रालय से मांगी राय

प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुजरात जैसे कुछ राज्यों द्वारा अपने यहां लागू किए गए गौ हत्या प्रतिबंध कानून पर आधारित ‘मॉडल बिल ’को अन्य राज्यों के विचार के लिए जारी करने के संबंध में विधि मंत्रालय से राय मांगी है।

PMO ने गौवध मॉडल बिल पर मंत्रालय से मांगी राय

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुजरात जैसे कुछ राज्यों द्वारा अपने यहां लागू किए गए गौ हत्या प्रतिबंध कानून पर आधारित ‘मॉडल बिल ’को अन्य राज्यों के विचार के लिए जारी करने के संबंध में विधि मंत्रालय से राय मांगी है।

इस मॉडल बिल को प्रसारित करने के पीछे प्रधानमंत्री कार्यालय का मकसद अन्य राज्यों में भी इसी प्रकार के कानून को लागू करने पर विचार करने के लिए राज्यों को कहना है।

सरकार की विधि शाखा को भेजे गए पत्र में पीएमओ ने संविधान के एक ऐसे ही प्रावधान का हवाला दिया है जो गौ वध और अन्य दुधारू पशुओं के वध को प्रतिबंधित करता है।

संविधान का अनुच्छेद 48 कहता है, ‘‘राज्य को आधुनिक और वैज्ञानिक तरीकों से कृषि एवं पशुपालन के प्रयासों को आगे बढ़ाना चाहिए और विशेष रूप से नस्लों में सुधार और उनके संरक्षण, गायों. बछड़ों तथा अन्य दुधारू पशुओं और मवेशियों के वध पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

हाल ही में भेजे गए इस पत्र में विधि मंत्रालय से कहा गया है कि वह इस बात का ‘अध्ययन करें और सलाह’दें कि क्या कुछ राज्यों द्वारा लागू किए गए कानून को एक मॉडल बिल की तरह अन्य राज्यों को भेजा जा सकता है ताकि वे ‘इसी प्रकार का कानून बनाने पर विचार कर सकें।’

प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए पत्र में यह उल्लेख भी किया गया है कि 2005 में उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार द्वारा गौ वध पर प्रतिबंध लगाने के लिए लागू किए गए कानून की वैधता को बरकरार रखा था। इस बीच, विभिन्न मसलों पर कानूनों को मॉडल बिल के तौर पर राज्यों को भेजे जाने की पुरानी परंपराओं का हवाला देते हुए सरकारी सूत्रों ने बताया कि केंद्र द्वारा राज्यों को ऐसा बिल भेजे जाने पर कोई रोक नहीं है।

बाढ़ क्षेत्र संरक्षण, संरक्षण और भूजल का नियमन आदि कुछ ऐसे उपाय हैं जिनके बारे में एक मसौदा मॉडल बिल हाल ही में जल संसाधन और योजना आयोग द्वारा राज्यों को भेजा गया था और कई राज्यों ने अपने कानून बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया।

उत्तर प्रदेश, झारखंड और गुजरात जैसे कई राज्य हैं जिन्होंने गौवध को प्रतिबंधित किया हुआ है। महाराष्ट्र ने हाल ही में इस प्रकार का प्रतिबंध लगाया है।

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