जेनेवा में आयोजित यूएनएचआरसी के 40वें सत्र के दौरान एक बैठक में पीओके के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठाई.
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नई दिल्ली : आतंकवाद को बढ़ावा देने को लेकर वैश्विक समुदाय का दबाव झेल रहे पाकिस्तान को अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का भी विरोध झेलना पड़ रहा है. जेनेवा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 40वें सत्र के दौरान एक बैठक में पीओके के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठाई. उन्होंने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से किए गए पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की.
इस दौरान यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी के चेयरमैन एस अली कश्मीरी ने पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना के अफसर कश्मीरी लोगों से खुले तौर पर आत्मघाती हमला करने के लिए जाने को कहते हैं. वे उन्हें उकसाते हैं. यह एक बेहद चिंताजनक स्थिति है.
वहीं पीओके के मानवाधिकार कार्यकर्ता एम हसन ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि सभी आतंकी ठिकानों को तबाह किया जाए, फिर चाहे वो पाकिस्तान में हों या पीओके में. पाकिस्तान सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इन आतंकियों से छुटकारा पाना चाहिए. ये आतंकी स्थानीय लोगों को ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय शांति को भी नष्ट कर रहे हैं.