मोदी शासन के मुरीद हुए पाक अधिकृत कश्मीर के बाशिंदे, भारत का हिस्सा बनने की चाहत
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मोदी शासन के मुरीद हुए पाक अधिकृत कश्मीर के बाशिंदे, भारत का हिस्सा बनने की चाहत

भारत के मोदी सरकार के सुशासन की गूंज पाकिस्तान के सियासी गलियारों में भी गूंजती है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोग मोदी सरकार के मुरीद है और वह भारत में शामिल होने को इच्छुक है। अंजुमन मिनहास-ए-रसूल के चैयरमेन मौलाना सैयद अथर देहलवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी तारीफ की है। देहलवी ने कहा कि पीओके के लोग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अब तक के नेतृत्‍व से काफी खुश हैं। मोदी पर भरोसे का आलम यह है कि पीओके में रहने वाले 99 फीसदी लोग भारत में शामिल होना चाहते हैं।

मोदी शासन के मुरीद हुए पाक अधिकृत कश्मीर के बाशिंदे, भारत का हिस्सा बनने की चाहत

नई दिल्ली: भारत के मोदी सरकार के सुशासन की गूंज पाकिस्तान के सियासी गलियारों में भी गूंजती है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोग मोदी सरकार के मुरीद है और वह भारत में शामिल होने को इच्छुक है। अंजुमन मिनहास-ए-रसूल के चैयरमेन मौलाना सैयद अथर देहलवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी तारीफ की है। देहलवी ने कहा कि पीओके के लोग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अब तक के नेतृत्‍व से काफी खुश हैं। मोदी पर भरोसे का आलम यह है कि पीओके में रहने वाले 99 फीसदी लोग भारत में शामिल होना चाहते हैं।

देहलवी ने कहा कि पीओके के लोगों का कहना है कि जब उनका घर-बार पानी में बह रहे थे तो भारतीय फौज देवदूत बनकर आए थे। वहां के लोग इस बात की भी तारीफ करते हैं कि मोदी जम्‍मू-कश्‍मीर में भी सुशासन लाने की कोशिश कर रहे हैं। मोदी के इन्‍हीं फैसलों से उनके मन में उम्‍मीद जगी है और वे भारत का हिस्‍सा बनना चाहते हैं। दरअसल पीओके में 2015 में भूकंप और 2014 के बाढ़ त्रासदी के दौरान केंद्र सरकार के रूख से प्रभावित होकर इस इलाके (पीओके) के लोगों में भारत के प्रति एक सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का बेहतर प्रशासन और जम्मू कश्मीर के प्रति उनका नजरिया दोनों ही दूसरों से बेहतर हैं। मौलाना ने कहा कि मोदी की सुशासन देने की अपील का पीओके में जबरदस्त स्वागत किया गया है। यही वजह है कि वह पाकिस्तान से नाता तोड़कर भारत में शामिल होना चाहते हैं। 

गौर हो कि 7 सितंबर 2014 को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने जब पीओके के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने गए थे तब उन्हें यहां के लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा था। उस समय लोगों ने 'जाओ नवाज जाओ' के नारे लगाए थे। पाकिस्तान की नवाज सरकार को इस मसले को लेकर काफी किरकिरी का सामना करना पड़ा था। क्योंकि सरकार पर बाढ़ पीड़ितों की मदद समय पर नहीं करने के आरोप लगे थे और सरकार की आलोचना हुई थी।

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