'सियासी दलों को कंपनी जगत से मिलात है 90 प्रतिशत चंदा'
Advertisement

'सियासी दलों को कंपनी जगत से मिलात है 90 प्रतिशत चंदा'

राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को 2013.14 में 90 प्रतिशत चंदा कंपनी समूहों एवं उद्योग घरानों से मिला है तथा भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने चुनाव आयोग को चंदे के बारे में अपना ब्यौरा नहीं सौंपा है। यह बात एडवोकेसी ग्रुप एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने आज कही।

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को 2013.14 में 90 प्रतिशत चंदा कंपनी समूहों एवं उद्योग घरानों से मिला है तथा भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने चुनाव आयोग को चंदे के बारे में अपना ब्यौरा नहीं सौंपा है। यह बात एडवोकेसी ग्रुप एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने आज कही।

एडीआर ने एक रिपोर्ट में कहा कि कांग्रेस, राकांपा एवं भाकपा को 2013-14 के दौरान मिले कुल दान की राशि में 62.69 करोड़ रूपये की वृद्धि दर्ज की गयी जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 517 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस को 2012-12 में 11.72 करोड़ रूपये का चंदा मिला था जो 2013-14 में बढ़कर 59.58 करोड़ रूपये हो गया। इसमें 408 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी।

वर्ष 2012-13 में भाजपा द्वारा घोषित किया गया चंदा कांग्रेस, राकांपा, भाकपा एवं माकपा द्वारा 2013-14 में घोषित समग्र दान से अधिक था। भाजपा ने दिखाया कि इस अवधि में उसे 20 हजार रूपये की राशि से अधिक वाले राजनीतिक चंदों के जरिए कुल 83.19 करोड़ रूपये प्राप्त हुए।

एडीआर के संस्थापक न्यासी जगदीप छोंकर ने कहा, ‘90 प्रतिशत चंदा कंपनी जगत से मिलना दिखाता है कि राजनीतिक दलों में कंपनी जगत का दबदबा बढ़ रहा है जो थोड़ा परेशान करने वाली बात है। सत्ताधारी दल का चंदे की रिपोर्ट नहीं सौपना शुभ संकेत नहीं है।’

एडीआर के अनुसार राजनीतिक दलों को 2013-14 के राजनीतिक चंदों का ब्योरा 31 अक्तूबर तक प्रस्तुत कर देना चाहिए था। भाजपा एकमात्र ऐसा राष्ट्रीय दल है जिसने चुनाव आयोग को अभी तक अपना ब्योरा नहीं दिया है। राष्ट्रीय दलों द्वारा 20 हजार रूपये से अधिक वाले घोषित चंदे की कुल राशि 76.93 करोड़ रूपये रही। यह 881 चंदों के जरिए प्राप्त हुई। कांग्रेस को प्रति चंदादाता से 11.07 लाख रूपये, राकांपा को एक करोड़ रूपये, भाकपा को 3.23 लाख रूपये और माकपा को 4.03 लाख रूपये हासिल हुए।

रिपोर्ट में कहा गया कि माकपा को 2012-13 में 3.81 करोड़ रूपये का चंदा मिला था जो 2013-14 में घटकर 2.097 करोड़ रूपये रह गया। बसपा ने घोषित किया कि उसे 2013-14 में 20 हजार रूपये से अधिक का कोई चंदा प्राप्त नहीं हुआ। उसने पूर्व के वर्षों में भी इस 20 हजार रुपये से अधिक के चंदे नहीं मिलने की रपट दी थी।

Trending news