गृह राज्य मंत्री जी कृष्णा रेड्डी ने कहा कि लखनऊ को छोड़कर कहीं भी हिंसक प्रदर्शन नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि लखनऊ में हिंसा भड़की है, बाकी जगहों पर हालात शांतिपूर्ण हैं. गृह राज्य मंत्री ने हिंसा के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया है.
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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के लखनऊ, संभल आदि जगहों पर भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक आदि राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं. इसपर गृह राज्य मंत्री जी कृष्णा रेड्डी (G Kishan Reddy) ने कहा कि लखनऊ को छोड़कर कहीं भी हिंसक प्रदर्शन नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि लखनऊ में हिंसा भड़की है, बाकी जगहों पर हालात शांतिपूर्ण हैं. गृह राज्य मंत्री ने हिंसा के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल के लोग धर्म के नाम पर लोगों को उकसा रहे हैं. राजनीतिक दलों को कोशिश करनी चाहिए कि वे ऐसा ना करें. विरोध शांतिपूर्ण तरीके से भी किए जा सकते हैं. राजनीतिक दलों और आम लोगों से अपील है कि वे अफवाहें ना फैलाएं.
CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान लखनऊ में बवाल, आगजनी
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कई इलाकों में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ गुरुवार को प्रदर्शन हो रहा है. लेकिन हसनगंज इलाके में प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. यहां पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई. इसके अलावा पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की गई. हालांकि, अन्य इलाकों में प्रदर्शन के हिंसक होने की कोई खबर नहीं है. उग्र प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान मधेगंज पुलिस चौकी पर हमला कर दिया. इस दौरान उन्होंने यहां जमकर तोड़फोड़ की और यहां खड़ी कई गाड़ियों में आग लगा दी. इसके बाद पूरे इलाके को पुलिस ने सील कर दिया है. भारी फोर्स की तैनाती कर दी गई है.
प्रदर्शनकारियों ने यहां पुलिस पर पथराव किया और नारेबाजी की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. लखनऊ के पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने कहा कि 'अब पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया है. गलियों से जो भीड़ आ रही थी, उन्हें गलियों में खदेड़ दिया है. अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.'
सीएए : पुलिस की मनाही के बावजूद लाल किला पर विरोध प्रदर्शन जारी
राष्ट्रीय राजधानी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में प्रदर्शनकारी पुलिस के बार-बार आग्रह करने के बावजूद लाल किला पर इकट्ठे हो गए और उन्होंने वह स्थान खाली करने से इंकार कर दिया. इससे पहले लगभग 120 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर पुलिस बसों से वहां से दूर ले गई थी. हिरासत में लिए गए लोगों में सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव भी हैं और उन्हें अलीपुर क्षेत्र में रखा गया है.
इससे पहले प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए अपने नेताओं से फोन पर बात करने की शर्त पर वह स्थान छोड़ने पर राजी हो गए थे. लेकिन पुलिस द्वारा उनकी मांगें पूरी करने के बावजूद कुछ प्रदर्शनकारियों ने वहां से जाने से इंकार कर दिया. सीएए के विरोध में गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में लाल किला पर भी प्रमुखता से प्रदर्शन हो रहा है.
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