नई दिल्ली: मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जहां किसानों, गरीबों और महिलाओं के लिए कई बड़ी घोषणाओं का ऐलान किया, वहीं नौकरीपेशा लोगों को कोई बड़ी राहत नहीं दी. जेटली ने इनकम टैक्स के स्लैब में भी कोई बदलाव नहीं किया. बजट पेश होने के बाद देश के कोने-कोने से इस बजट पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं. एक ओर जहां बीजेपी के नेताओं ने इसे विकास का बजट बताया और कहा कि इस बजट से देश का विकास होगा वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने इसे निराशाजनक बजट बताने की पूरी कोशिश की.


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पीएम मोदी ने वित्त मंत्री को दी बधाई
बजट के बाद देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "यह बजट आर्थिक विकास को गति देगा, यह सभी क्षेत्रों पर केंद्रित है. यह देश की नींव मजबूत करने वाला बजट है" उन्होंने आगे कहा, "न्यूनतम सहायता मूल्य के संबंध में निर्णय के लिए मैं वित्त मंत्री को बधाई देता हूं. मुझे यकीन है कि इससे किसानों को बहुत मदद मिलेगी."


नीतीश कुमार ने बताया- सरकार की बड़ी पहल
बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के बारे में घोषणा की गई. 10 करोड़ गरीब परिवारों को लाभान्वित करने के लिए एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की घोषणा की गई. यह एक बड़ी पहल है. मैं सरकार को बधाई देना चाहता हूं."


अच्छे दिन यही हैं क्या
बजट पर लालू यादव ने कहा, "अच्छे दिन यही हैं क्या, किसानों के ऋण और बेरोजगारी के लिए कुछ नहीं. सब्जबाग दिखा कर लोगों को किया जा रहा है दिग्भ्रमित."


कई क्षेत्र में होगा विकास
मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "ये बजट बहुत शानदार है, जनता के अनरूप है. बजट से आने वाले दिनों में कई क्षेत्र में विकास होगा."


किसानों और ग्रामीण लोगों की समस्याएं बहुत बड़ी
देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "वित्त मंत्री ने किसानों के लिए सुधार करने की कोशिश की. लेकिन किसानों और ग्रामीण लोगों की समस्याएं बहुत बड़ी हैं. उपाय पर्याप्त नहीं हो सकते हैं." 


कांग्रेस ने की आलोचना
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "सरकार ने किसानों और समाज के अन्य हाशिए वाले वर्गों को सिर्फ जुबानी सेवा देने का प्रयास किया है. लेकिन यह पूरी तरह से अनुचित समय पर बहुत कम का मामला है."


इसके अलावा कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बजट को लेकर दो ट्वीट भी किए गए. पहले ट्वीट में लिखा गया है, "वित्त मंत्री जी ने 5 लाख तक आयकर छूट की बात की, तो प्रधानमंत्री जी ने 15 लाख हर एक के बैंक खाते में देने की बात कही; लेकिन कुर्सी मिलते ही ये जुमला हो गया; इस सरकार से कोई उम्मीद न करें!"


वहीं दूसरे ट्वीट में लिखा गया है, "देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करने वाली सरकार का आखिरी पूर्ण बजट, इसके बाद देश की जनता इनको दिखायेगी बाहर का रास्ता; शुरुआत राजस्थान से हो चुकी है!"


योगी ने दी वित्त मंत्री को बधाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बजट की तारीफ की. उन्होंने कहा, "देश के गरीबों, गांव, किसानों, बुजुर्गों को ध्यान में रख कर बेहतरीन योजानाएं हैं. प्रधानमंत्री को अभिनंनदन और वित्त मंत्री को बधाई."


सरकार को अल्पसंख्यकों से मतलब नहीं
बजट भाषण में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रायल के बजट का जिक्र नहीं हुआ. इस बात से खफा मुस्लिम दानिशवरों ने जेटली के बजट भाषण के बाद नाराजगी जताई. नावेद हामिद, अध्यक्ष, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत ने कहा, "सरकार अपने एजेंडे पर चल रही है, उसे अल्पसंख्यकों से मतलब नहीं है."


निराशा और मायूसी पैदा करने वाला बजट
जी मीडिया से बातचीत में बिहार के किशनगंज से सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी ने बजट को निराशा और मायूसी पैदा करने वाला बताया है. कासमी ने कहा, "अक्लियती तबके के लिए बजट में कुछ नहीं है."


इससे बेहतर बजट कुछ और हो ही नहीं सकता
उत्तराखंड भाजपा ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के बजट को बेहद शानदार बताया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा, "इससे बेहतर बजट कुछ और हो ही नहीं सकता. जेटली जी ने बजट में निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति का भी ख्याल रखा है. स्वास्थ्य, शिक्षा से लेकर हर पहलू को बजट में समाहित किया गया है. जिसका लाभ हर व्यक्ति को मिलना तय है."


2019 की बात कहां गई
केंद्र के बजट को उत्तराखंड कांग्रेस ने सिरे से नकार दिया है. कांग्रेस ने साफ कहा कि इस बजट में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसकी तारीफ की जा सके. पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल ने जेटली की पोटली पर कहा कि बजट पूरी तरह चुनावी है जिसमें 2022 की बात की जा रही है. 2019 की बात कहां गई ये तो भाजपा बता नहीं रही. उधर, प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट भी केंद्र के इस बजट पर पार्टी लाइन पर ही राय रखते नजर आए. जबकि प्रदेश मुख्य प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि इस बजट में उत्तराखंड को कुछ नहीं मिला.


केवल अमीरों का हिमायती है ये बजट: अखिलेश
अखिलेश यादव ने आम बजट को बताया निराशाजनक. ट्वीट कर बजट को 'अहंकारी सरकार का विनाशकारी बजट' की संज्ञा दी. अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, "गरीब-किसान-मजदूर को निराशा; बेरोजगार युवाओं को हताशा; कारोबारियों, महिलाओं, नौकरीपेशा और आम लोगों के मुँह पर तमाचा. ये जनता की परेशानियों की अनदेखी करने वाली अहंकारी सरकार का विनाशकारी बजट है. आख़री बजट में भी भाजपा ने दिखा दिया कि वो केवल अमीरों की हिमायती है. अब जनता जवाब देगी."


दिशाहीन और आशाहीन बजट
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "बजट से बहुत ज्यादा उम्मीद थी. ना कर्मचारियों को राहत मिली ना युवाओं के लिए इस बजट में कुछ है. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इसमें कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया. दिशाहीन और आशाहीन बजट है. हरियाणा के लिए इस बजट में कोई परियोजना नहीं है सब हाईवे यूपीए सरकार की देन है. केवल झांसा दिखा कर वोट बटोरने का काम कर रही है केंद्र सरकार. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस अमित शाह के हरियाणा दौरे का विरोध करेगी और शाह के दौरे को काले झंडे दिखाए जाएंगे.


घाटे का बजट
देश के वित्त मंत्री के द्वारा आज पेश किए गए बजट को लेकर जहां भाजपा के लोग इस बजट को आम आदमी के लिहाज से अच्छा बताते हुए इसे देशहित में किया गया बजट बता रहे हैं तो वहीं विपक्ष इस बजट के माध्यम से देश की मोदी सरकार को घेरने में जुटा है. उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने अपने गदरपुर के कार्यक्रम के दौरान इस बजट को पूरी तरह से फेल्योर करार दिया. उनके मुताबिक यह बजट समाज के हर तबके के लिए घाटे का बजट है और इस बजट ने आम आदमी की जेब पर एक तरह से डाका डालने का काम किया है.


वित्त मंत्री देश की जनता से झूठ बोल रहे हैं
राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि बजट दिशाहीन है. इसमें कुछ भी नहीं है. बिहार के हितों का ख्याल नहीं रखा गया है. विशेष राज्य की बात तो छोड़िए, विशेष पैकेज तक नहीं मिला है. लागत का डेढ़ गुना की बात कहकर वित्त मंत्री देश की जनता से झूठ बोल रहे हैं.


अबतक का सबसे निराशाजनक बजट
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह ने केन्द्रीय बजट को निराशाजनक करार दिया है. उन्होंने कहा की मोदी सरकार का यह बजट अबतक का सबसे निराशाजनक रहा है. केंद्र के इस बजट में न कोई तरक्की और न विकास की बात कही गई है. मात्र छोटे-मोटे परिवर्तन किए गए हैं. वीरभद्र सिंह ने कहा कि इस बजट में हिमाचल को पूरी तरह से नजर अंदाज किया गया है. हिमाचल में रेल विस्तार की घोषणा प्रधानमंत्री ने की थी लेकिन प्रदेश में रेलवे के सभी प्रोजेक्ट लटके हैं. अगर इसी धीमी गति से काम होता रहा तो यह कई दशकों तक ऐसे ही लटके रहेंगे.


किसी ने सराहा किसी ने नकारा
सुनील जाखड़ ने कहा, "बहुत ही बुरा बजट है, किसानों के साथ धोखा हुआ है. दस में से इस सरकार को एक भी नंबर नहीं दूंगा. कोई राहत नहीं पंजाब को. सिर्फ जुमले हैं."


गुरजीत औजला ने कहा, "टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है. नई बोतल में पुरानी शराब वाली बात हुई है. किसानों को कोई राहत नहीं. बॉर्डर एरिया को भी कोई राहत नहीं."


प्रेम सिंह चद्दुमाजरा ने कहा, "बहुत बढ़िया बजट है. पहली बार किसानों का भला किसी सरकार ने सोचा है. इस बजट को दस में से 9 नबर हैं."


शांता कुमार ने कहा, "ये बजट सभी अपेक्षाओं पर खरा उतरा है. हिमाचल के लिए अच्छा है. अब रेलवे लाइन ब्रॉड हो जाएगी जिससे विकास होगा. इस बजट से अच्छा कुछ नहीं हो सकता."