Hedgewar school name controversy in Palakkad: केरल के पलक्कड़ में हेडगेवार के नाम पर स्कूल नाम रखने को लेकर विवाद हो गया. जहां एक तरफ बीजेपी इस नाम पर डटी हुई है. दूसरी तरफ कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने इसका विरोध किया है. जानें पूरा मामला.
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Political storm Hedgewar Name: केरल के पलक्कड़ में हेडगेवार के नाम पर विवाद हो गया है. पलक्कड़ नगर पालिका, जहां पर बीजेपी की सत्ता है, वह एक विशेष स्कूल का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के नाम पर रखना चाहती है. जिसके बाद कांग्रेस और सीपीआई(एम) ने जमकर इसका विरोध किया है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, हेडगेवार के नाम पर रखने का फैसला विवादों में घिर गया है.
जानें पूरा विवाद
पलक्कड़ उन चुनिंदा स्थानीय निकायों में से एक है, जहां बीजेपी का कब्जा है. नगर पालिका ने दिव्यांग बच्चों के लिए बन रहे स्कूल का नाम हेडगेवार के नाम पर रखने का प्रस्ताव पास किया. इस दौरान विपक्षी पार्षदों ने "हेडगेवार कौन है?" लिखे प्लेकार्ड्स के साथ बैठक में शामिल हुए और प्रदर्शन किया. बीजेपी और विपक्षी पार्षदों के बीच जमकर तीखी नोकझोंक भी हुई.
फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा
नगर पालिका की अध्यक्ष और बीजेपी नेता प्रमिला शशिधरन ने साफ कहा कि फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा. पलक्कड़ में बीजेपी की सत्ता है और संस्थानों का नामकरण हम ही करेंगे. कांग्रेस और सीपीआई(एम) चाहे जितना विरोध करें. उन्होंने मलप्पुरम में 1921 के मप्पिला विद्रोह के नेता वरियामकुन्नाथ कुन्हाहमद हाजी के नाम पर रखे गए टाउन हॉल का जिक्र करते हुए कहा कि क्या हाजी स्वतंत्रता सेनानी थे?
कांग्रेस का विरोध, कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
पलक्कड़ से कांग्रेस विधायक राहुल ममकूट्टाथिल ने इसे वैचारिक मुद्दा बताते हुए कहा, "हम इस फैसले का राजनीतिक और कानूनी तरीके से विरोध करेंगे. बीजेपी और आरएसएस अपनी सांप्रदायिक सोच को हिंसा के जरिए ही लागू कर सकते हैं."
सीपीआई(एम) ने भी खोला मोर्चा
सीपीआई(एम) ने नगर पालिका के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. पार्टी के जिला सचिव ई. एन. सुरेश बाबू ने कहा, "हम बीजेपी को हेडगेवार के नाम पर स्कूल का नाम नहीं रखने देंगे. उनका कहना है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर सिर्फ नाटक कर रही है, वे आरएसएस की मदद कर रहे हैं."
इससे पहले भी हुआ था हेडगेवार पर विवाद
दो हफ़्ते पहले हेडगेवार के नाम पर विवाद हुआ था. जब कोल्लम के श्री कृष्णस्वामी मंदिर में चित्र प्रदर्शित होने पर भी विवाद हुआ था. यह मंदिर राज्य सरकार के देवासम बोर्ड के अधीन है. बोर्ड ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे.