पूर्व फौजी की OROP मामले में खुदकुशी पर गरमाई सियासत, दोबारा हिरासत में लिए गए राहुल गांधी को छोड़ा गया
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पूर्व फौजी की OROP मामले में खुदकुशी पर गरमाई सियासत, दोबारा हिरासत में लिए गए राहुल गांधी को छोड़ा गया

दिल्ली के जंतर-मंतर पर वन रैंक वन पेंशन को लेकर प्रदर्शन कर रहे पूर्व फौजी रामकिशन ग्रेवाल के आत्महत्या मामले में सियासत गरमा गई है। पूर्व फौजी के परिजनों से मिलने राममनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को हिरासत में लेकर पहले मंदिर मार्ग थाने थाने ले गई, जहां 40 मिनट बाद राहुल गांधी को छोड़ दिया गया। उसके बाद एक बार फिर  से राहुल को हिरासत में लिया गया और पहले संसद मार्ग थाने और फिर तिलक मार्ग थाने ले जाया गया है। बाद में राहुल को हिरासत से मुक्त कर दिया गया।

पूर्व फौजी की OROP मामले में खुदकुशी पर गरमाई सियासत, दोबारा हिरासत में लिए गए राहुल गांधी को छोड़ा गया

नई दिल्ली : दिल्ली के जंतर-मंतर पर वन रैंक वन पेंशन को लेकर प्रदर्शन कर रहे पूर्व फौजी रामकिशन ग्रेवाल के आत्महत्या मामले में सियासत गरमा गई है। पूर्व फौजी के परिजनों से मिलने राममनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अंदर नहीं जाने दिया गया। पुलिस राहुल को हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग थाने थाने ले गई, जहां 40 मिनट बाद राहुल गांधी को छोड़ दिया गया।

मंदिर मार्ग थाने से छूटने के बाद राहुल गांधी दो अन्य पुलिस स्टेशन भी गए और कहा कि पूर्व फौजी के परिवार वालों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, मैं उन्हें ढूंढ रहा हूं। इस दौरान राहुल को पुलिस वालों ने काफी समझाया लेकिन राहुल के नहीं मानने पर उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया और कनाट प्लेस थाने ले जाया गया। इस दौरान राहुल के साथ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और गुलाम नबी आजाद भी मौजूद थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मोदी सरकार का असली चेहरा लोगों के सामने आ गया है। बाद में राहुल को शीला दीक्षित, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अजय माकन, गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर सहित कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ पुलिस वैन में बैठा दिया गया और तिलक मार्ग थाने ले जाया गया। थोड़ी देर बाद राहुल समेत सभी नेताओं को छोड़ कर दिया गया।

इसके बाद राहुल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा- दुख की बात यह है कि जान देने वाले पूर्व फौजी के परिवार को पूरा दिन बंद कर रखा गया। मैंने उस परिवार से मिलने की कोशिश की। दुख की इस घड़ी में उनसे दो मिनट मिलकर बताना चाहता था कि मैं उनके साथ हूं। मैंने वहां पुलिसवालों से कहा कि उनके परिवार से मिलने दीजिए। इस परिवार के साथ जो हुआ, वह गलत हुआ। कम से कम सरकार को इस पूर्व सैनिक के परिवार से माफी मांगनी चाहिए।

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दरअसल जंतर-मंतर पर वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर रामकिशन ग्रेवाल ने खुदकुशी कर ली थी। राम किशन के परिजनों का कहना है कि मंगलवार दोपहर रामकिशन अपने साथियों के साथ रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर से मिलने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने जहर खा लिया। जो ज्ञापन रामकिशन अपनी मांगों को लेकर रक्षा मंत्री को देने जा रहे थे, उसी पर उन्होंने सुसाइड नोट लिखकर जहर खा लिया।

रामकिशन के छोटे बेटे के मुताबिक, उसके पिता ने खुद इस बात की सूचना फोन कर उसे दी। जहर खाने के बाद रामकिशन को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान मंगलवार देर रात उनकी मौत हो गई।
हरियाणा में भिवानी जिले के बामला गांव निवासी राम किशन ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट में लिखा- मैं मेरे देश के लिए, मेरी मातृभूमि के लिए और मेरे देश के वीर जवानों के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने जा रहा हूं।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा- मेरी पूरी संवेदना सूबेदार राम किशन ग्रेवाल के साथ है। मुझे यह खबर जानकर बेहद चोट पहुंची है। आज राहुल गांधी को जब पुलिस हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग थाने ले गई तो पूर्व सैनिकों के परिजनों को भी हिरासत में लिए जाने पर थाने के अंदर ही पुलिस वालों पर भड़क गए। राहुल ने पुलिस वालों से कहा कि उन्हें इस पर शर्म आनी चाहिए।

राहुल ने मंदिर मार्ग थाने में मौजूद पुलिसवालों से पूर्व सैनिकों के परिजनों को छोड़ने को कहा। इस पर पुलिसवालों ने अपनी मजबूरी जताई। इस पर राहुल ने भड़कते हुए कहा, 'अगर ये अरेस्ट नहीं हैं, तो इन्हें बाहर निकालिए। ये शहीद के बेटे हैं। इन्हें छोड़िए नहीं तो मुझे और इन्हें भी अरेस्ट कीजिए। ये जो शहीद के बेटे हैं... हिंदुस्तान के अंदर आप इन्हें कैसे अरेस्ट कर रहे हैं। शर्म नहीं आती है आपको? इनका बाप मरा है, ये उनके बेटे हैं। ये उनके भाई हैं। आप इनको अरेस्ट कर रहे हैं। आपका नाम क्या है? (पुलिसवाले से) आपको क्या लगता है, क्या हिंदुस्तान के शहीद के परिजनों को अरेस्ट किया जाना चाहिए?' मोदी सरकार के लिए ये शर्म की बात है।

इससे पहले राहुल गांधी को जब राम मनोहर लोहिया अस्पताल के अंदर नहीं जाने दिए गया तो राहुल वहां पुलिसकर्मी से उलझ गए। उन्होंने वहां पर मौजूद पुलिसकर्मी से पूछा कि वह उन्हें अंदर क्यों नहीं जाने दे रहे हैं? पुलिसकर्मी ने राहुल से कहा कि उन्हें बस उनकी सुरक्षा की चिंता है। इसके बाद राहुल ने खुद ही कहा कि पुलिसकर्मी उनसे कह रहे हैं कि मैं यहां से हट जाऊं। 

राहुल ने पुलिसकर्मी से कहा कि मीडिया वह बात बताएं जो पुलिस वाले उनसे कह रहे हैं। राहुल ने पुलिसकर्मी से मुखातिब होते हुए बार-बार यह बात दोहराई। इस पर पुलिसकर्मी ने कहा कि अंदर जाने से रोकना उनके अंडर में नहीं है। वह तो बस उनकी सुरक्षा के लिए वहां खड़े हैं। राहुल गांधी ने कहा, 'यह कैसा देश बनाया जा रहा है। इस देश में हमें सैनिक के परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह तो अलोकतांत्रिक सोच है।'

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