नई दिल्‍ली : दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कारण सामान्‍य जनजीवन प्रभावित है और लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और आंखों में जलन महसूस की जा रही है. ऐसे में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी क्‍या-क्‍या सावधानियां बरतनी चाहिए, यह जानना बेहद महत्‍वपूर्ण है, ताकि प्रदूषण के कारण होने वाले स्‍वास्‍थ्‍य विकारों से बचा जा सके. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA)के अध्‍यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने बातचीत में बताया कि 'फिलहाल लोग सुबह और शाम लंबी वॉक न करें. आउटडोर पार्टियां करने से बचना चाहिए. इंडोर एक्‍सरसाइज में खासतौर पर ट्रेडमिल पर व्‍यायाम न करें'. 


पढ़ें : प्रदूषण की मार, दिल्ली-NCR में देना होगा 4 गुना ज्यादा पार्किंग शुल्क !


डॉ. अग्रवाल ने सलाह देते हुए बताया कि 'फि‍लहाल घर के बाहर जहां पर भी धूल है, वहां पानी का छिड़काव करें. कार को पूल करें. बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें. दोपहिया चालक और सवार मुंह पर मास्‍क लगाकर घर से बाहर निकलें. खास तौर पर हृदय और अस्थमा के मरीजों के अलावा बुजुर्ग और बच्चों को कम से कम घर से बाहर निकलना चाहिए'.


उन्‍होंने कहा कि इस समय हृदय और फेफड़े के मरीजों को खास तौर पर डॉक्‍टर से सलाह लेनी चाहिए. उन्‍होंने बताया कि प्रदूषण का यह बढ़ा हुआ स्‍तर अस्‍थमा को बढ़ा रहा है और ऐसे वातावरण में हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है.


ये भी पढ़ें : दिल्ली प्रदूषण : सीआईएसएफ ने जवानों को मुहैया कराए 9000 मास्क


वायु गुणवत्ता का स्तर और प्रभाव


0 से 50 : स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं.


51 से 100 : स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं.


101 से 150 : थोड़ी जलन हो सकती है. मैराथन से बचें.


151 से 200 : आउटडोर अभ्यास कम करें, कोई खेल न खेलें.


201 से 300 : स्कूल और अन्‍य जगहों पर बाहरी क्रियाकलाप बंद करें, साइकलिंग, जॉगिंग और दौड़ बिल्‍कुल न लगाएं. फेफड़े व दिल के रोगियों को नुकसान हो सकता है.


300 : बाहरी क्रियाकलाप बंद करें. लंबी वॉक न करें. फेफड़ों को नुकसान हो सकता है.


400 : बाहर न जाएं, घर के अंदर अपनी सक्रियता सीमित करें, हल्की शारीरिक गतिविधि से भी स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है.