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नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ खुद संक्रमण से बचने के लिए PPE किट का इस्तेमाल करते हैं. ये PPE किट डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को कोरोना के संक्रमण से तो बचा रही हैं लेकिन इसको लगातार पहने रहने की वजह से डॉक्टरों में स्किन इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ रहा है.
चीनी शोधकर्ताओं द्वारा किए गए जर्नल ऐडवान्सेस इन वूण्ड केयर में छपे एक अध्ययन के मुताबिक कोरोना के मरीजों का इलाज करने वाले 42.8% मेडिकल स्टाफ ने PPE किट के इस्तेमाल से त्वचा में घाव महसूस किया है.
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इस अध्ययन में ऑनलाइन सर्वे की मदद से उन मेडिकल स्टाफ से सवाल पूछे गए जिन्होंने 8 से 22 फरवरी के बीच कोरोना के मरीजों का उपचार किया था.
स्टडी के मुताबिक पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट के इस्तेमाल से 3 तरह के घाव देखने को मिले हैं. जिसमें दबाव की वजह से चोट लगना, त्वचा के नम हो जाने से घाव होना और त्वचा का फटना शामिल है. इन घावों का बड़ा कारण ज्यादा पसीना आना, ज्यादा समय तक लगातार PPE किट पहने रहना और ज्यादा भारी किट का इस्तेमाल करना हो सकता है.
शोधकर्ताओं की मानें तो PPE किट के इस्तेमाल से होने वाले घावों से बचने के लिए मास्क पहनने से पहले त्वचा को पूरी तरह से साफ करना बहुत जरूरी है. इसके साथ ही त्वचा को हाइड्रेटेड रखना भी बेहद जरूरी है. मास्क पहनने से 1 घंटे पहले यदि बैरियर क्रीम लगाई जाए तो भी त्वचा के घाव से बचा जा सकता है.
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