सोमवार को अदालत ने अशोक की जमानत याचिका पर अपना फैसला मंगलवार तक सुरक्षित रख लिया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रजनी यादव ने कुमार और सीबीआई दोनों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
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नई दिल्ली : रायन इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या मामले में आरोपी बस कंडक्टर अशोक कुमार को मंगलवार को गुरुग्राम जिला अदालत ने जमानत दे दी. कोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके पर अशोक कुमार को जमानत दी. अशोक कुमार के शाम तक जेल से बाहर आने संभावना है.
अशोक कुमार को जमानत मिलने के बाद प्रद्युम्न के पिता कहा कि 'हमें विश्वास है कि न्याय मिलेगा. हमें कोर्ट के फैसले पर भरोसा है'. वहीं, बस कंडक्टर अशोक के पिता ने अदालत के फैसले पर कहा कि हम अशोक को जमानत दिए जाने पर बहुत खुश हैं.
गुरुग्राम जिला न्यायालय के न्यायाधीश ने पाया कि सीबीआई ने कंडक्टर अशोक के खिलाफ कोई सबूत नहीं दिया है. लिहाजा, कोर्ट ने कहा कि यह जिंदगी और मौत का मामला है़, इसलिए 50,000 रुपये के बॉन्ड के साथ जमानत की अनुमति दी जाती है.
#PradyumanMurderCase: Gurugram District Court judge observed that CBI did not submit any evidence against conductor Ashok. Court exonerated Ashok saying it's a matter of life and death so allow the bail with a bond of Rs 50,000.
— ANI (@ANI) November 21, 2017
अशोक के वकील ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जमानत दी गई है. सीबीआई और हरियाणा पुलिस के निष्कर्षों में बहुत अंतर थे. हमें संदेह का लाभ दिया गया.
The bail was granted under Article 21 of the constitution. There were lot of differences between findings of CBI & Haryana Police. We were given benefit of doubt.: Anil Sharma, lawyer of conductor Ashok #PradyumanMurderCase pic.twitter.com/PvqsdUTiZC
— ANI (@ANI) November 21, 2017
प्रद्युम्न ठाकुर के पिता का बयान
Came to know from media reports about an audio clip that has emerged with conversations b/w Ashok's & juvenile's family. CBI is conducting an inquiry and let us wait for the result: Varun Thakur, #Pradyuman's father pic.twitter.com/WiqbKVNO8J
— ANI (@ANI) November 21, 2017
इससे पहले सोमवार को अदालत ने अशोक की जमानत याचिका पर अपना फैसला मंगलवार तक सुरक्षित रख लिया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रजनी यादव ने कुमार और सीबीआई दोनों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था. सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने जमानत याचिका का विरोध किया था और कहा कि कुमार मामले में अब भी एक संदिग्ध है.
उल्लेखनीय है कि कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न को 8 सितंबर को गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल में मृत पाया गया था. उसकी गला काटकर हत्या की गई थी. इस मामले में पहले कंडक्टर कुमार की गिरफ्तारी हुई थी. हरियाणा पुलिस ने जोर देकर कहा था कि कुमार ने ही हत्या की है. बाद में जांच सीबीआई ने संभाली, जिसने हत्या के आरोप में स्कूल के ही एक छात्र को गिरफ्तार किया.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा था कि गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल का एक 16 वर्षीय छात्र कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या का मुख्य अभियुक्त है. वह परीक्षाओं और शिक्षकों और माता-पिता के बीच होने वाली एक बैठक (पैरेंट्स टीचर्स मीटिंग) को स्थगित करना चाहता था. सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा था कि कक्षा 11वीं के छात्र को मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया. अपराध स्थल का निरीक्षण, सीसीटीवी फुटेज की जांच, कॉल रिकॉर्ड, बयान और कई लोगों से पूछताछ के बाद से पता चला कि यह छात्र अपराध के दिन स्कूल परिसर में एक चाकू लेकर पहुंचा था और उसी का इस्तेमाल उसने अपने कनिष्ठ स्कूल सहपाठी को मारने के लिए किया. दयाल ने कहा था, "अपराध में इस्तेमाल हथियार एक चाकू है, जिसे शुरुआत में गुरुग्राम (हरियाणा) में पुलिस ने घटनास्थल से बरामद किया था. वह अब हमारे पास है." उन्होंने कहा कि हिरासत में लिया गया छात्र पढ़ाई में कमजोर था और परीक्षाओं और पेरेंस्ट्स-टीचर्स मीटिंग को स्थगित करना चाहता था और इस सबसे बचने के लिए उसने बगैर सोचे-समझे प्रद्युम्न की हत्या कर दी.