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चंडीगढ़ः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पंजाब में ‘शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने के व्यापक हित’ को देखते हुये रविवार को 1993 में दिल्ली में हुये बम विस्फोट के दोषी दविंदरपाल सिंह भुल्लर की तत्काल रिहाई की मांग की.
इस धमाके में नौ लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 31 अन्य घायल हो गये थे. हमले में जीवित बचे लोगों में युवा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष एम एस बिट्टा भी शामिल हैं. भुल्लर को इसी मामले में दोषी ठहराया गया था.
बादल ने यहां बयान जारी कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भुल्लर की रिहाई के लिये तत्काल मंजूरी देने के लिये सांप्रदायिक पूर्वाग्रह या राजनीतिक या चुनावी अवसरवाद से प्रभावित हुये बगैर फैसला करने का आग्रह किया.
बादल ने कहा, ‘भुल्लर को बिना एक पल की देरी के रिहा किया जाना चाहिए क्योंकि वह पहले ही जेल में अपनी पूरी सजा काट चुका है.’ शिअद के संरक्षक ने कहा, ‘अतीत में कांग्रेस शासकों द्वारा क्षुद्र सांप्रदायिक और ध्रुवीकरण के लिये रची गयी राजनीतिक साजिशों के कारण पंजाब को काफी नुकसान हुआ था. अरविंद केजरीवाल को उन्हीं छोटे-छोटे कारणों से उसी रास्ते पर चलने के प्रलोभन का विरोध करना चाहिए.’
भुल्लर को अगस्त 2001 में एक नामित टाडा अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था. केंद्र ने सितंबर 2019 में गुरु नानक देवजी के 500 वें प्रकाश पर्व के मौके पर भुल्लर सहित आठ सिख कैदियों को विशेष छूट की सिफारिश की थी.
कुछ सिख निकायों द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने भुल्लर की रिहाई की मंजूरी नहीं दी है. कुछ दिन पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया था कि भुल्लर की रिहाई में वह बाधा बन रही है.
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