वीएचपी चुनाव: प्रवीण तोगड़िया का दबदबा खत्म, राघव रेड्डी की तगड़ी हार
राघव रेड्डी की हार के साथ ही प्रवीण तोगड़िया के युग का अंत हो गया है.
नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नए अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश के पूर्व गवर्नर एवं मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज विष्णु सदाशिव कोकजे होंगे. पिछले 52 वर्षों के इतिहास में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) में पहली बार अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के पद चुनाव कराया गया. प्रवीण तोगड़िया समर्थक राघव रेड्डी की तगड़ी हार हुई. उन्हें सिर्फ 60 वोट मिले जबकि जस्टिस सदाशिव को 131 वोट मिले हैं. इस तरीके से विश्व हिंदू परिषद से प्रवीण तोगड़िया का दबदबा खत्म हो गया.
विहिप के कुल 192 पदाधिकारी चुनाव में वोट डालने के लिए पात्र थे. चुनाव कराना तब जरूरी हो गया जब संगठन के सदस्यों के बीच नए अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई.. इस चुनाव के बाद वीएचपी में कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया की हैसियत कम होनी तय है.
वीएचपी में अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष को परिषद के सदस्य मतदान की प्रक्रिया से चुनते हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का चयन निर्वाचित अध्यक्ष करता है. पिछले दो बार से अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर चुने जा रहे राघव रेड्डी अंतराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पद की कुर्सी पर प्रवीण तोगड़िया को बिठाते आ रहे हैं. अब राघव रेड्डी की हार के साथ ही प्रवीण तोगड़िया के युग का अंत हो गया है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रवीण तोगड़िया के बीच कई मुद्दों पर टकराव की खबरें आती रही हैं. तोगड़िया के संघ से बहुत अच्छे रिश्ते नहीं है. हालांकि तोगड़िया ने सार्वजनिक मंच से पीएम मोदी को लेकर कभी भी कुछ नहीं कहा. तोगड़िया अयोध्या में राम मंदिर बनने में हो रही देरी को लेकर मौजूदा बीजेपी सरकार को जरूर कोसते रहे हैं.
इसके अलावा हिंदुत्व के हार्ड लाइन पर भी प्रवीण तोगड़िया और संघ के बीच दूरी की खबरें भी आती रही है. संघ भी वीएचपी में प्रवीण तोगड़िया के रुतबे को कम करने के पक्ष में था. विष्णु सदाशिव कोकजे वीएचपी के पूर्व प्रमुख अशोक सिंघल गुट के माने जाते हैं. अशोक सिंघल की मौत के बाद सदाशिव कोकजे वीएचपी में उनके गुट की अगुवाई कर रहे हैं.
लगातार कर रहे थे बीजेपी की मुखालफत
प्रवीण तोगड़िया लंबे अर्से से बीजेपी और केंद्र सरकार की मुखालफत कर रहे थे. अभी चंद दिन पहले ही उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि वह राम मंदिर के लिए "कमजोर आंदोलन" शुरू कर सकती है , ताकि दूसरे दलों को " हिंदुत्व विरोधी " बताकर बहुसंख्यक मत अपने पक्ष में किया जा सके. तोगड़िया ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने संसद में बहुमत हासिल करने के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाने के 1989 के अपने पालमपुर प्रस्ताव पर पलटी मार ली है. तोगड़िया ने कहा कि न तो कोई विकास हुआ और न ही सरकार ने पिछले चार वर्षों में राम मंदिर का निर्माण किया. उन्होंने कहा कि सरकार सभी मोर्चों पर असफल हो गई है.