महाराष्ट्र से हटा राष्ट्रपति शासन, 8.05 बजे राज्यपाल ने दिलाई फडणवीस-पवार को शपथ
मुंबई में सुबह 8.05 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.
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नई दिल्ली/मुंबई: महाराष्ट्र (Maharahstra) में 29 दिन तक चले सियासी नाटक के बाद शनिवार को आखिरकार भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) उपमुख्यमंत्री बने हैं. चौंकाने वाली बात यह रही कि जब शिवसेना पूरी तरह से तय मानकर चल रही थी कि कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से उसकी सरकार बनने जा रही है, इसी बीच शनिवार सुबह पूरा खेल ही पलट दिया गया.
महाराष्ट्र में 12 नवंबर से लागू राष्ट्रपति शासन को 11 दिन के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को रद्द कर दिया. राज्यपाल बी.एस. कोश्यारी द्वारा शनिवार सुबह भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाकर भाजपा की अगुवाई वाली नई सरकार के गठन के तुरंत बाद ही राष्ट्रपति भवन ने यह घोषणा की. दोनों को भाजपा और राकांपा नेताओं और अन्य सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में राजभवन में सुबह 8.05 बजे शपथ दिलाई गई..
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 21 अक्टूबर को हुआ था और इसके नतीजे 24 अक्टूबर को आये थे. बीजेपी 105 सीटों के साथ अकेली सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी, वहीं शिवसेना को 56 सीटें, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें आई थीं.
Devendra Fadnavis to take oath as Maharashtra Chief Minister again,NCP's Ajit Pawar to take oath as Deputy CM pic.twitter.com/5v1Ycf3S5U
— ANI (@ANI) November 23, 2019
चुनाव पूर्व गठबंधन सहयोगी दलों भाजपा और शिवसेना ने कुल मिलाकर 161 सीटें जीती थीं. यह 288 सदस्यीय सदन में बहुमत के 145 के आंकड़े से काफी अधिक था. इसके बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों के बीच खींचतान से दोनों में दरार पड़ गई और इससे सरकार गठन में देरी हुई.
बीजेपी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सूचित कर दिया कि वह सरकार नहीं बना पाएगी क्योंकि उसके पास जरूरी संख्याबल नहीं है. इसके बाद राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने के लिए बुलाया. सोमवार (11 नवंबर) को उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने राज्यपाल से भेंट की और सरकार बनाने की इच्छा जताई, लेकिन वह अपनी जरूरी संख्या बल दिखाने के लिए अन्य पार्टियों से समर्थन का पत्र पेश करने में विफल रही.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार (12 नवंबर) को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की. यह पहली बार था कि जब राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दलों के सरकार नहीं बना पाने के चलते अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल किया गया.