ऐसा कई बार होता है, जब नेताओं के साहस की परीक्षा होती है. पीएम नरेंद्र मोदी का भी साहस इस संकट के समय में दिखा है.
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नई दिल्ली: ऐसा कई बार होता है, जब नेताओं के साहस की परीक्षा होती है. पीएम नरेंद्र मोदी का भी साहस इस संकट के समय में दिखा है. मोदी सरकार कोरोना वायरस महामारी के समय में स्थिति को नियंत्रण में रखने की पूरी कोशिश कर रही है.
यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी लगातार नजर बनाए हुए हैं और इस संकट के समय में वुहान से लौटे छात्रों और मरीजों का इलाज कर रही नर्स से भी बात कर रहे हैं. इस बातचीत के जरिए वो लोगों को मोटिविट और प्रेरित करना करना चाहते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के वुहान से लौटे 60 कश्मीरी छात्रों में से एक छात्र निजामुर रहमान से बात की. वुहान से लौटे सभी छात्र वहां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे. निजामुर कश्मीर के कसकूट बनिहाल के रहने वाले हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के वुहान शहर से पिछले दिनों लौटे कश्मीरी छात्र निजामउर रहमान से शनिवार को फोन पर बात की. रहमान ने पीएम को बताया कि वुहान में स्थिति भयंकर है. वो वुहान में 60 अन्य कश्मीरी छात्र के साथ मेडिकल की पढ़ाई करते हैं. उसने भारत सरकार का और पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया और कहा समय रहते उनको और उनके मित्रों को वुहान शहर से सुरक्षित निकाल लिया गया.
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जब पीएम मोदी ने निजाम उर रहमान से अपना अनुभव साझा करने को कहा कि तो निजाम ने बताया कि 14 दिन अलग थलग रहने के दौरान उन्हें कोई समस्या नही हुई, उन्हें अच्छा खाना दिया गया, खेलने को गेम्स दिए गए. इसलिए जो लोग क्वारनटाइन के दौरान रहते हैं वो भयभीत न हों। पीएम मोदी ने निजाम उर रहमान से कहा कि वह चूंकि मेडिकल की पढ़ाई करते हैं तो ऐसे में लोगों को लॉक डाउन के के महत्व के बारे में बताएं और समझाएं.
इससे पहले उन्होंने समाज के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले वाराणसी के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. इनमें मेडिकल इक्विपमेंट और मेडिसिन मैन्यूफैक्चिरिंग इंडस्ट्री, पैरामेडिकल, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रेडियो इंडस्ट्री से जुड़े लोग शामिल रहे. उन्होंने लोगों फीडबैक और सजेशन लिए, जिससे इस संकट के दौर में उनका भरोसा बढ़े.
इसके साथ ही वह अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र सरकार के मंत्रियों से भी लगातार मौजूदा स्थिति को लेकर बात कर रहे हैं. वहीं उन्होंने डॉक्टर्स, नर्सों और विदेशों से रेस्क्यू किए गए छात्रों से भी बात की. कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे के अस्पताल की नर्स से बात की थी. उन्होंने मेडिकल कर्मियों के साहस और प्रोफेशन के प्रति निष्ठा को लेकर उनकी तारीफ की और उनका हौसला बढ़ाया.