पीएम मोदी ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पीएमओ हाउस के दरवाजे हमेशा ही सांसदों के लिए खुले रहेंगे.
Trending Photos
नई दिल्ली : राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे 40 सदस्यों पर पीएम मोदी ने सदन को संबोधित किया. सदन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वरिष्ठ सांसदों की राय और बातों का अपना एक महत्व होता है. पीएम मोदी ने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे सांसदों के लिए बेशक से सदन के दरवाजे बंद हो जाए, लेकिन पीएमओ के दरवाजे हमेशा खुल रहेंगे.
पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें
- जाने से पहले नहीं बोल पाए सांसद, इसके लिए हम सब जिम्मेदार हैं.
- खिलाड़ी सचिन और दिलीप को भी याद करेंगे.
- जो जा रहे हैं वो ऐतिहासिक फैसलों से वंचित रह गए
-वरिष्ठ सांसदों की कही बात का अपना एक महत्व होता है
ये विदाई है जुदाई नहीं...
राज्यसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कोई भी राजनेता कभी रिटायर नहीं होता है. आजाद ने कहा कि रिटायट हो रहे सांसदों से रोजाना मुलाकात होगी. उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र को किसी ने जिंदा रखा है तो वह सांसद और विधायिका ही है. सदन में लगातार हो रहे हंगामे पर बोलते हुए उन्होंने कहा, 'हम अपने लिए नहीं बल्कि जनता के लिए यहां पर लड़ रहे हैं.' नरेश अग्रवाल पर बोलते हुए आजाद ने कहा कि वह ऐसे सूरज हैं जो इधर से डूबे तो उधर से उग गए.
सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के प्रति भी सद्भाव नहीं
बुधवार को विपक्ष के हंगामे के कारण सदन में सेवानिवृत्त हो रहे सांसद अपना भाषण नहीं पढ़ पाए, जिसके बाद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इस पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा 'हमारे मन में सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के प्रति भी सद्भाव नहीं बची है कि हम उनके अनुभव भी साझा कर सकें.' नायडू ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का अनुरोध नहीं मानने पर कहा कि सदस्यों के इस रवैये के कारण सदन की गरिमा दांव पर लग गई है. सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों का विदाई भाषण सदन की कार्यवाही का अनिवार्य अंग है. नारेबाजी के लिए यह सही समय नहीं है.
राज्यसभा चुनाव : जानें कौन-कौन कहां से और कैसे जीता
आग्रह करने पर भी सदन में अन्नाद्रमुक का हंगामा
बुधवार को एक बार के स्थगन के बाद बैठक फिर शुरू होने पर नायडू ने परंपरा और अवसर की विशिष्टता का हवाला देते हुए सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को विदाई भाषण देने के लिए समूचे सदन से शांति बनाए रखने की अपील की. इस पर टीडीपी के सदस्य मान गए लेकिन अन्नाद्रमुक सदस्य अपने स्थानों पर खड़े रहे. नायडू ने सत्तापक्ष और नेता प्रतिपक्ष से सदन के संचालन में सहयोग करने की अपील की. इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने अन्नाद्रमुक सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने की अपील करते हुए कहा था कि सभी दल सदन के शांतिपूर्वक संचालन के पक्षधर हैं. अन्नाद्रमुक सदस्यों ने अपने स्थान पर बैठने के सत्तापक्ष और विपक्ष के अनुरोध को ठुकराते हुए कहा था कि वह तमिलनाडु के मुद्दे को उठाना चाहते है.
नायडू ने सदन के सामने रखें दो विकल्प
नायडू ने कहा कि ऐसे में अब उनके पास दो ही विकल्प हैं, पहला अपने स्थान पर नहीं बैठ रहे सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करें और दूसरा बैठक को स्थगित कर सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को विदाई भाषण देने के अधिकार से वंचित कर दें. इसके बाद भी अन्नाद्रमुक सदस्यों के अपने रवैये पर अड़े रहने के कारण नायडू ने समूचे घटनाक्रम को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी थी.