Priyanka Gandhi: प्रियंका ने सरकार ने निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ये सरकार आर्थिक न्याय का सुरक्षा कवच तोड़ रही है. आज संसद में बैठी सरकार बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही जनता को क्या राहत दे रही है. कृषि कानून भी उद्योगपतियों के लिए बन रहे हैं. वायनाड से लेकर ललितपुर तक इस देश का किसान रो रहा है.
Trending Photos
Priyanka First Speech: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में अपना पहला भाषण शुरू किया. उन्होंने कहा कि भारत हजारों साल पुरानी संवाद और चर्चा की परंपरा वाला देश है. हमारी संस्कृति में वाद-विवाद और संवाद की गहरी जड़ें हैं, जो अलग-अलग धर्मों और समाजों में भी दिखाई देती हैं. इसी परंपरा से प्रेरित होकर हमारा स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ, जो अहिंसा और सत्य पर आधारित था. यह आंदोलन लोकतांत्रिक था, जिसमें हर वर्ग ने हिस्सा लिया. इसी संघर्ष से उभरी एक सामूहिक आवाज, जिसने हमारे संविधान का रूप लिया. यह संविधान केवल दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह न्याय, अभिव्यक्ति और आकांक्षाओं का दीपक है. उन्होंने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि अतीत में क्या हुआ. नेहरू जी ने क्या किया. अरे आपने क्या किया ये बताइए क्या सारी जिम्मेदारी नेहरू जी की है.
देशवासियों के लिए एक सुरक्षा कवच
असल में लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान हमारे देशवासियों के लिए एक सुरक्षा कवच है. यह न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण करता है. लेकिन सत्ताधारी दल ने पिछले 10 वर्षों में इस सुरक्षा कवच को तोड़ने का प्रयास किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश हो रही है. अगर चुनाव के नतीजे कुछ अलग होते, तो शायद संविधान बदलने का काम भी शुरू हो जाता. लेकिन जनता ने इसे रोक दिया.
सरकार अतीत पर चर्चा करती है, लेकिन..
प्रियंका ने कहा कि वर्तमान सरकार अतीत पर चर्चा करती है, लेकिन वर्तमान की जिम्मेदारियों से बचती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं का समाधान नहीं कर रही. किसान, मजदूर, और गरीब तबका आज भी संकट में है. उन्होंने कृषि कानूनों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये केवल बड़े उद्योगपतियों के लाभ के लिए बनाए गए हैं. हिमाचल के सेब किसान और वायनाड से लेकर ललितपुर तक का किसान आज अपनी समस्याओं से जूझ रहा है.
नरेंद्र मोदी की जातिगत जनगणना के लिए गंभीरता का प्रमाण देखिए-
जब चुनाव में पूरा विपक्ष जातिगत जनगणना की बात कर रहा था।
तब नरेंद्र मोदी कह रहे थे- ये आपकी भैंस और मंगलसूत्र चुरा लेंगे।
: लोक सभा में कांग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi जी pic.twitter.com/QNuOB8e4lp
— Congress (@INCIndia) December 13, 2024
प्रियंका गांधी ने जातिगत जनगणना की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से लगातार इस मांग को उठाया गया, लेकिन सत्तापक्ष ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. चुनावी दबाव में इसे चर्चा में लाया गया, लेकिन इसके प्रति उनकी गंभीरता का अभाव साफ दिखाई देता है. जातिगत जनगणना से समाज की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा, जो सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए जरूरी है.
पहले एक कहानी होती थी
राजा भेष बदलकर लोगों के बीच आलोचना सुनने जाता था।
आज के राजा को भी भेष बदलने का बहुत शौक है...
लेकिन उनमें न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की।
: लोक सभा में कांग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi जी pic.twitter.com/RUE92S1ohC
— Congress (@INCIndia) December 13, 2024
महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा
उन्होंने कहा कि पहले संसद चलती थी तो जनता को उम्मीद होती थी कि सरकार महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा करेगी. लेकिन अब जनता का भरोसा कम हुआ है. महिला आरक्षण बिल पर सवाल उठाते हुए प्रियंका ने पूछा कि इसे लागू करने में इतना समय क्यों लगेगा. उन्होंने कहा कि महिलाओं ने अपने वोट से अपनी शक्ति को साबित किया है और आज सत्ता को यह पहचानना पड़ा है कि उनके बिना सरकार नहीं बन सकती. इस बिल को जल्द लागू करना महिलाओं के अधिकारों का सम्मान होगा.