`कोई रिश्वत मांगे तो मना मत करना`, ये क्या कह बैठे पंजाब के CM भगवंत मान?
पंजाब के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले भगवंत मान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि 23 मार्च को भगत सिंह की बरसी पर एंटी करप्शन हेल्पलाइन का नंबर जारी किया जाएगा, जो उनका वॉट्सऐप नंबर होगा.
चंडीगढ़: पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान (Punjab CM Bhagwant Mann) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने का ऐलान किया है. मान ने कहा है कि 23 मार्च को भगत सिंह की बरसी पर एंटी करप्शन हेल्पलाइन का नंबर जारी किया जाएगा, जो उनका वॉट्सऐप नंबर होगा. मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि कोई रिश्वत मांगे तो उसे मना मत करना, उसकी ऑडियो या वीडियो रिकॉर्ड करके मुझे भेज देना. मेरा ऑफिस उसकी पूरी जांच करेगा. भ्रष्टाचार करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा.
CM ने दिल्ली का दिया उदाहरण
CM भगवंत मान ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की 49 दिन की सरकार में ऐसा ही नंबर जारी किया गया था, जिसके बाद भ्रष्टाचार (Corruption) पर लगाम लगी. पंजाब में भी भ्रष्टाचारियों पर इसी तरह नकेल कसी जाएगी. मान ने कहा, ‘लोगों ने बड़ी संख्या में वोट देकर अपनी जिम्मेदारी निभा दी है. अब मेरी बारी है. लोगों को पंजाब में करप्शन फ्री सरकार मिलेगी’. उन्होंने यह भी कहा कि जो अफसर ईमानदार है, उसे डरने की जरूरत नहीं है. उनके साथ मैं खड़ा हूं लेकिन जो भ्रष्टाचार करेगा, उसे बक्शा नहीं जाएगा.
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केजरीवाल ने की मान की तारीफ
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने करप्शन के खिलाफ लड़ाई की घोषणा के लिए भगवंत मान की खूब तारीफ की. उन्होंने कहा कि जब हमने हेल्पलाइन शुरू की तो भ्रष्टाचारी डरने लगे. अगर कोई अफसर रिश्वत मांगता था तो लोग पूछते थे - मोबाइल निकालूं क्या?. अब पंजाब में भी इसी तरह भ्रष्टाचार खत्म होगा.
लोगों ने जताया है ‘आप’ पर विश्वास
बता दें कि विधानसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस और भाजपा को दरकिनार करते हुए आप पर विश्वास जताया. पंजाब में आम आदमी पार्टी ने पहली बार सरकार बनाई है. अब तक यहां कांग्रेस और अकाली दल का ही शासन रहा है. दिल्ली के बाद पंजाब पहला पूर्ण राज्य है, जहां आम आदमी पार्टी को सत्ता मिली है. राज्य में पार्टी ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया है. आप ने 117 में से 92 सीटें जीत ली हैं. जबकि सत्ता में रही कांग्रेस 77 में से सिर्फ 18 पर सिमट गई और अकाली दल को सिर्फ 3 सीटें मिलीं.