मालेगांव ब्लास्ट मामले में कर्नल पुरोहित को बरी करने पर हाई कोर्ट ने टाली सुनवाई
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मालेगांव ब्लास्ट मामले में कर्नल पुरोहित को बरी करने पर हाई कोर्ट ने टाली सुनवाई

कर्नल पुरोहित ने याचिका दायर की थी कि चूंकि उन्हें आरोपी बनाने से पहले एनआईए ने सेना से इजाजत नहीं थी थी, इसलिए उन पर यह मामला नहीं चलना चाहिए.

कर्नल पुरोहित पर मालेगांव विस्फोट का आरोप है

अमित त्रिपाठी, मुंबई: मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में से खुद को बरी करने के लिए कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है. इस मामले की सुनवाई आज होनी थी, जिसे अब 30 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है. मालेगांव ब्लास्ट मामले के आरोपी कर्नल पुरोहित ने याचिका दायर की थी कि चूंकि उन्हें आरोपी बनाने से पहले एनआईए ने सेना से इजाजत नहीं थी थी, इसलिए उन पर यह मामला नही चलना चाहिए. 

  1. कर्नल पुरोहित की याचिका पर अब 30 जुलाई को सुनवाई होगी. 
  2. इस मामले में कर्नल पुरोहित फिलहाल जमानत पर बाहर है. 
  3. पुरोहित मालेगाव धमाके के आरोप में नौ साल से जेल में बंद थे.

इस मामले में कर्नल पुरोहित फिलहाल जमानत पर बाहर है. मामले की सुनवाई जस्टिस आरवी मोरे व जस्टिस अनूजा प्रभुदेसाई की बेंच कर रही है. इस सिलसिले में 16 जुलाई को सुनवाई होनी थी, हालांकि अदालत ने इसे दो सप्ताह के लिए टाल दिया. पुरोहित मालेगांव धमाके के आरोप में नौ साल से जेल में बंद थे. महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितम्बर 2008 को बम धमाका हुआ था. इसमें सात लोगों की मौत हो गई थी और करीब 100 लोग घायल हुए थे. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा और पुरोहित सहित 12 लोग गिरफ्तार किए गए थे.

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अपनी याचिका में पुरोहित ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सेना से अनुमति नहीं ली है. इसलिए उन्हें इस मामले से बरी कर देना चाहिए. इस मामले में अन्य आरोपियों प्रज्ञा ठाकुर और उनके छह सहयोगियों को अप्रैल 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. 

उस वक्त कोर्ट ने कहा था कि पहली नजर में साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता. कोर्ट ने मानवीय कारणों का हवाला देते हुए यह भी कहा था कि साध्वी प्रज्ञा एक महिला हैं और 8 साल से ज्यादा समय से जेल में हैं. साध्वी प्रज्ञा को ब्रेस्ट कैंसर है और वो बिना सहारे चलने में भी लाचार हैं.

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