रक्षा विशेषज्ञों ने पठानकोट हमले से निपटने के तरीके पर सवाल खड़े किए
Advertisement

रक्षा विशेषज्ञों ने पठानकोट हमले से निपटने के तरीके पर सवाल खड़े किए

रक्षा विशेषज्ञों ने पठानकोट में वायुसेना के अड्डे पर आतंकवादी हमले से निपटने के तरीके पर सवाल खड़े किए और कुछ विशेषज्ञों ने तो यहां तक कह दिया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘अति-जोखिम भरे’ उस लाहौर मिशन का नतीजा है जहां उन्होंने अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से मुलाकात की थी।

रक्षा विशेषज्ञों ने पठानकोट हमले से निपटने के तरीके पर सवाल खड़े किए

नई दिल्ली : रक्षा विशेषज्ञों ने पठानकोट में वायुसेना के अड्डे पर आतंकवादी हमले से निपटने के तरीके पर सवाल खड़े किए और कुछ विशेषज्ञों ने तो यहां तक कह दिया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘अति-जोखिम भरे’ उस लाहौर मिशन का नतीजा है जहां उन्होंने अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से मुलाकात की थी।

गृह सचिव राजीव महर्षि ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुयी है, वहीं रक्षा विशेषज्ञों ने हालांकि महसूस किया कि यह अभियान बेहतर तरीके से चलाया जा सकता था क्योंकि आतंकवादियों की घुसपैठ तथा वायुसेना के अड्डे के संभावित लक्ष्य होने के बारे में पहले से खुफिया जानकारी थी।

पूर्व रॉ प्रमुख ए एस दौलत ने हमले को नाकाम करने में सुरक्षा एजेंसियों की विफलता को लेकर सवाल किए।

उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर पर खुफिया एजेंसियां आलोचना झेलती हैं लेकिन यहां एक ऐसा मामला है जब आपके पास सटीक खुफिया जानकारी है और तब भी आप इसे नाकाम नहीं सके। क्यों?’’ उन्होंने कहा कि पठानकोट आपरेशन से कई सवाल पैदा हुए हैं। इनमें सुरक्षाबलों की भूमिका पर सवाल भी शामिल हैं जो तेजी से आतंकवादियों का सफाया नहीं कर सके।

उन्होंने सवाल किया कि आतंकवादी किस प्रकार इतनी आसानी से बिना पता लगे घुस सकते हैं और वह भी इतनी मात्रा में विस्फोटकों के साथ। उन्होंने सवाल किया कि क्या आतंकवादी भी मादक पदाथरें के तस्करों के समूह (कार्टल) के रास्ते को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सवालों का जल्दी जवाब दिए जाने की आवश्यकता है।

Trending news