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UP Election Result 2022: मतगणना के रुझानों से राज्यों में पार्टियों की हार-जीत की तस्वीर साफ होता है. इससे लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी उन सभी चार राज्यों को फिर से हासिल करने के लिए तैयार है, जिस पर वह शासन कर रही थी. वहीं कांग्रेस पंजाब को भी खोने की कगार पर है. ऐसे में अब कांग्रेस के नेतृत्व और टीम पर सवाल उठ रहे हैं. जाहिर है ये टीमें वही हैं जो पर्दे के पीछे से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के लिए काम कर रहीं थीं.
राहुल गांधी की टीम की बात करें तो इसमें सबसे शुरुआती नाम के.सी. वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला आदि के आते हैं. ये उन राज्यों के प्रभारी थे जिनमें चुनाव हुए. लेकिन वे इन राज्यों को बचा नहीं पाए. यहां तक कि जिस पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी, वो भी उसकी मुट्ठी से साफ तौर पर फिसलता हुआ नजर आ रहा है.
उत्तराखंड जब से बना है तब से जहां हर 5 साल में सरकार बदलने की परंपरा रही है लेकिन कांग्रेस इस परंपरा को कायम नहीं रख पाई और एक बार फिर से यहां बीजेपी वापसी करती नजर आ रही है. यहां पार्टी में गुटबाजी इस तरह हावी रही कि पार्टी 2 उप-पार्टियों में विभाजित नजर आई, जो एक साथ काम करने के लिए तैयार नहीं थी.
गोवा की बात करें तो यहां राज्य प्रभारियों की तिकड़ी- दिनेश गुंडू राव, गिरीश चोडनकर (राज्य अध्यक्ष) और दिगंबर कामत (पूर्व मुख्यमंत्री) ने लुइजि़न्हो फलेरियो जैसे राज्य के नेताओं की उपेक्षा की, जो तृणमूल में शामिल होने के लिए चले गए और फ्रांसिस्को सरडीन्हा जैसे नेता थे, उन्हें दरकिनार कर दिया गया और यहां तक कि पी. चिदंबरम, जो वरिष्ठ पर्यवेक्षक थे, सही उम्मीदवारों का चयन नहीं कर सके.
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पंजाब में राहुल और प्रियंका द्वारा किए गए ऑपरेशन ने वांछित परिणाम नहीं दिए और चरणजीत सिंह चन्नी को अनुसूचित जाति का मुख्यमंत्री बनाने में पार्टी द्वारा आखिरी समय पर खेला गए जुआ असर नहीं दिखा पाया. अब इस राज्य में आम आदमी पार्टी शानदार जीत की ओर बढ़ रही है. अजय माकन और हरीश चौधरी ने चुनावी कैंपेन के दौरान पार्टी सांसदों की अनदेखी कर पार्टी के हालात को और बिगाड़ दिया जिसका उल्टा असर होता दिख रहा है.