Rafale Marine Fighter Jet Deal: भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बीच पाकिस्तानी हुक्मरानों के चेहरे पर चिंता की नई लकीरें खींच दी हैं. भारत के नए सैन्य ऐलान से पाकिस्तान में हलचल तेज हो गई है.
Trending Photos
Rafale M Fighter Jet Deal: भारत और फ्रांस के बीच सोमवार को 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की 63 हजार करोड़ की डील पर मुहर लगेगी. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य तैयारियों से घबराए पाकिस्तान के लिए ये नई टेंशन होगी. ये राफेल हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाएंगे. वहीं अरब सागर में पाकिस्तानी नेवी के लिए नई मुसीबत खड़ी होगी.
छह साल में आपूर्ति
कहा जा रहा है कि इन लड़ाकू विमानों की पहली आपूर्ति साढ़े तीन साल में शुरू हो जाएगी और साढ़े छह साल में पूरी होगी. डील के तहत 22 सिंगल सीटर जेट खरीदे जाएंगे. साथ ही चार दो सीटों वाले ट्रेनर जेट भी खरीदे जाएंगे. ये राफेल-एम फाइटर जेट विमानवाहक पोत से उड़ान भरने और उतरने में सक्षम होंगे. इससे भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ेगी. भारतीय वायुसेना पहले ही 36 राफेल लड़ाकू विमान 60 हजार करोड़ रुपये में फ्रांस से खरीद चुकी है.
फायदे वाली डील
फ्रांस इस डील के तहत हथियार, सिमुलेटर, पायलट-स्टॉफ को ट्रेनिंग, मरम्मत के लिए पांच साल की सेवाएं भी देगा. इस डील के तहत वायुसेना के 36 राफेल के कलपुर्जों और उनकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी दसॉल्ट उठाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 9 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक में इस डील को मंजूरी दी गई थी.एयरफोर्स के राफेल की दो स्क्वॉड्रन अभी अंबाला और हाशीमारा एयरबेस में तैनात हैं.नए फाइटर जेट सौदे से भारत में राफेल की ताकत 62 तक पहुंच जाएगी.
दसॉल्ट ने बोइंग कंपनी को पछाड़ा
दसॉल्ट एविएशन का राफेल-एम (Dassault Aviation Rafale-M) और अमेरिकी बोइंग कंपनी के हार्नेट ( F/A-18 Super Hornet) के बीच यह सौदा पाने की होड़ थी. दोनों के फाइटर जेट ने भारतीय विमानवाहक पोत से संचालन की अपनी ताकत दिखाई. नौसेना अधिकारियों ने राफेल एम को विमानवाहक पोत के ज्यादा अनुकूल पाया. इससे हिंद महासागर ( Indo-Pacific region) में भारत चीन और अन्य देशों की चुनौतियों का बेहतर मुकाबला कर पाएगा.
विमानवाहक पोत पर तैनाती होगी
नौसेना के पास फिलहाल दो विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत हैं. आईएनएस विक्रांत ने सितंबर 2022 में सेवाएं देना शुरू की थीं.राफेल-एम भारत के स्वदेशी दो इंजन वाले ऐसे ही फाइटर जेट के विकास होने तक नेवी की जरूरतों को पूरा करेगा. भारतीय विमानवाहक पोत स्की जंप से लैस है जो ऐसे एयरक्रॉफ्ट का संचालन कर सकते हैं. रूस के मिग-29के जेट विमान भी ऐसे ही उड़ान भरने और लैंड करने की क्षमता से लैस थे. ऐसे में राफेल को ज्यादा उपयुक्त पाया गया.
पाकिस्तानियों को आज आखिरी अल्टीमेटम, न माने तो भारत की जेलों में सड़ना पड़ेगा, भारत ने चलाया चाबुक
साढ़े तीन साल में पूरी होगी डील
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि फाइटर जेट की ये आपूर्ति साढ़े तीन साल में पूरी होगी. सूत्रों का कहना है कि पहले फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को भारत आना था, लेकिन ऐन वक्त पर ये यात्रा टल गई. हालांकि उन्हें समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. सूत्रों का कहना है कि सरकार से सरकार के बीच हो रही इस खरीद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हस्ताक्षर करेंगे. फ्रांसीसी राजदूत थिएरी मथोई और भारतीय रक्षा सचिव राजेश सिंह इस मौके पर मौजूद रहेंगे.