नई दिल्ली: राफेल पर "चौकीदार चोर है" के बयान के आधार पर राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही चालने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. सोमवार को राहुल गांधी ने ताज़ा हलफनामा दाखिल कर एक बार फिर कहा है कि "चौकीदार चोर है", मेरी पार्टी का राजनीतिक नारा है और इसे कोर्ट के हवाले से कहने पर खेद है. राहुल ने इस हलफनामे में भी कोर्ट से माफी नहीं मांगी है, सिर्फ खेद जताया है. दरअसल, इससे पहले राहुल गांधी ने अपने जवाब में खेद जताते हुए कहा था कि चुनावी प्रचार के दौरान आवेश में ऐसा बयान दिया गया. मेरे राजनीतिक विरोधियों ने दुष्प्रचार किया कि मैंने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर 'चौकीदार चोर है' वाला बयान दिया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राहुल गांधी ने अपने जवाब में कहा था कि मैं ये मानता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी कोई टिप्पणी (चौकीदार चोर है) नहीं की थी. राहुल गांधी ने भविष्य में आगे से ऐसा न करने का भरोसा भी दिया था. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 23 अप्रैल को राहुल गांधी से सफाई मांगी थी. 22 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया था, जिसमें कहा था कि चुनावी माहौल में ऐसा बयान दे दिया था जिसके लिए उन्हें खेद है.


आपको बता दें कि बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा था कि राफेल मामले में गोपनीय दस्तावेज को भी बहस का हिस्सा बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कांग्रेस अध्‍यक्ष ने गलत तरीके से पेश किया है. लेखी ने राहुल पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्‍होंने 'चौकीदार चोर है' के अपने बयान को सुप्रीम कोर्ट के बयान की तरह प्रस्तुत किया था. उन्‍होंने राहुल पर आरोप लगाते हुए कहा था कि रफाल की पुनर्विचार याचिका के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि चौकीदार चोर है.