कभी बीनते थे कचरा, अब बने चंडीगढ़ के मेयर, बोले-BJP अकेली पार्टी जहां 'चायवाले' और कूड़े वाले का सम्मान
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कभी बीनते थे कचरा, अब बने चंडीगढ़ के मेयर, बोले-BJP अकेली पार्टी जहां 'चायवाले' और कूड़े वाले का सम्मान

राजेश कालिया अब चंडीगढ़ के 25वें मेयर बन चुके हैं, लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं रहा. गरीबों और अनुसूचित जाति के लिए संघर्ष करने वाले राजेश का शुरुआती जीवन गरीबी और अभावों में बीता. पिता सफाई कर्मचारी थे और माँ कचरा बीनती थी.

कभी बीनते थे कचरा, अब बने चंडीगढ़ के मेयर, बोले-BJP अकेली पार्टी जहां 'चायवाले' और कूड़े वाले का सम्मान

चंडीगढ़ : कचरे के ढेर से कभी कागज बीनने वाले राजेश कालिया अब चंडीगढ़ के 25वें मेयर बन चुके हैं, लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं रहा. गरीबों और अनुसूचित जाति के लिए संघर्ष करने वाले राजेश का शुरुआती जीवन गरीबी और अभावों में बीता. पिता सफाई कर्मचारी थे और माँ कचरा बीनती थी. सात भाई-बहनों का पालन-पोषण उनके लिए आसान नहीं था. ऐसे में बचपन में स्कूल के बाद राजेश कालिया अपने भाई-बहनों के साथ डड्डूमाजरा के डंपिंग ग्राउंड में कूड़े से कागज बीनते थे. यहां से मिलने वाले सामान को इकट्ठा कर उसे बेचते थे. उससे होने वाली आय से पिता को मदद मिलती थी. उससे वह अपने परिवार का पेट पालते थे.


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