नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक विदेशी अखबार का हवाला देते हुए बीजेपी- आरएसएस (BJP-RSS) पर सोशल मीडिया पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी-आरएसएस ने सोचे-समझे तरीके से भारत में फेसबुक (Facebook) और व्हॉट्सएप (Whatsapp) पर नियंत्रण कर लिया है. राहुल गांधी के इस आरोप पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अपनी ही पार्टी के लोगों को प्रभावित नहीं कर सकने वाले हारे हुए लोग इस बात का हवाला दे रहे हैं कि पूरी दुनिया भाजपा और आरएसएस द्वारा नियंत्रित है. सवाल उठता है कि सोशल मीडिया पर 'फ्लॉप शो' से क्‍या राहुल गांधी परेशान हैं? राहुल को देश से ज्यादा विदेश पर भरोसा क्यों? सोशल मीडिया पर 'दुष्प्रचार' का सौदागर कौन? पीएम मोदी की लोकप्रियता से क्‍या राहुल गांधी हैं हैरान-परेशान?



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बता दें कि पिछले कई महीनों से राहुल गांधी सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं. वे लद्दाख में चीन के अतिक्रमण, कोरोना संक्रमण, मजदूरों के पलायन और बेरोजगारी समेत विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार पर जुबानी हमला बोल चुके हैं. अब राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर ताजा आरोप सोशल मीडिया को नियंत्रित करने का लगाया है. जिसके बाद कांग्रेस नेता अजय माकन ने इस पूरे मामले की जेपीसी जांच की मांग उठाई है. राहुल गांधी के इन आरोपों के बाद सवाल उठ रहे हैं कि  'नफरत का वायरस' कौन फैला रहा है ?  सोशल मीडिया पर 'फ्लॉप शो' से राहुल परेशान क्यों हैं?


बता दें कि अमेरिकी अखबार 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' में छपे एक लेख में कहा गया है कि भारत में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के हेट स्पीच और आपत्तिजनक सामग्री को लेकर फेसबुक कोताही बरत रहा है. लेख में फेसबुक के एक अधिकारी के हवाले से यह भी कहा गया है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को दंडित करने से भारत में कंपनी के कारोबार पर असर पड़ेगा. लेख में यह भी कहा गया है कि फेसबुक ने बीजेपी को लेकर व्यापक पैमाने पर अनुचित कार्यों को तरजीह दिया है. 


राहुल गांधी के ट्वीट पर पलटवार करते हुए केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अपनी ही पार्टी के लोगों को प्रभावित नहीं कर सकने वाले हारे हुए लोग इस बात का हवाला दे रहे हैं कि पूरी दुनिया भाजपा और आरएसएस द्वारा नियंत्रित है. चुनाव से पहले डेटा को हथियार बनाने के लिए आपको कैंब्रिज एनालिटिका और फेसबुक के साथ गठजोड़ करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था और अब हमसे सवाल कर रहे हैं?"



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